बिहार में फिर गरमाया आरक्षण का मुद्दा, कांग्रेस MLA के घर जुटे NDA-HAM व वामदलों के नेता; अलग पड़ा RJD
अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण बचाओ मोर्चा से राजद के बाहर होने के बाद भी गोलबंदी कमजोर नहीं हुई है। वहीं कांग्रेस विधायक के घर एनडीए समेत अन्य दलों के नेता पहुंचे।
पटना, राज्य ब्यूरो। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण बचाओ मोर्चा से राजद के बाहर होने के बाद भी गोलबंदी कमजोर नहीं हुई है। राजद अब खुद अलग-थलग पड़ गया है। उसकी गैर-हाजिरी में शुक्रवार को अन्य दलों के विधायक एकसाथ बैठे और आरक्षण के अधिकार को बचाने के लिए साझे में संघर्ष जारी रखने का फैसला किया। बैठक कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक डाॅ. अशोक कुमार के आवास पर हुई। इसमें कांग्रेस, भाजपा, जदयू एवं हम के विधायक शामिल हुए। इतना ही नहीं, उद्योग मंत्री श्याम रजक ने बैठक में सुप्रीम काेर्ट की आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की।
मंत्री श्याम रजक ने बैठक में सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर दुख जाहिर किया, जिसमें कहा गया है कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। विधायकों ने कहा- यह टिप्पणी अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ों के लिए बेहद तकलीफदेह है। यह बाबा साहेब डाॅ. अंबेडकर की सोच व संविधान की मूल भावना पर प्रहार के समान है।
रजक ने बताया कि राज्यपाल फागू चौहान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर ज्ञापन देने के लिए समय मांगा गया है। दोनों को पत्र लिखा गया है। राज्यपाल मुलाकात के लिए राजी हो गए हैं। मुख्यमंत्री के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। प्रतिनिधि मंडल उनसे मिलकर आरक्षण संबंधी अपनी मांगों को रखेगा।
उन्होंने बताया कि जुलाई के अंतिम सप्ताह में अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण बचाओ संघर्ष मोर्चा की दिल्ली में बैठक एक बैठक प्रस्तावित है। इसमें शामिल होने के लिए अनुसूचित जाति-जनजाति के सभी दलों और राज्यों के विधायकों को न्यौता दिया गया है। इन विधायकों की संख्या 1082 है। रजक ने बताया कि अगर कोरोना संकट खत्म नहीं हुआ, तो दिल्ली वाली बैठक की तारीख टल भी सकती है। फिलहाल अन्य राज्यों के विधायकों से फोन पर संपर्क किया जा रहा है।
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, मंत्री श्याम रजक, कृष्ण कुमार ऋषि, रमेश ऋषिदेव, विधायक ललन पासवान,रवि च्योति, डॉ. अशोक कुमार, राजेश राम, बेबी देवी, राजेश कुमार, अचमित ऋषिदेव सहित अन्य विधायक शामिल हुए।