Bihar Chunav 2020: राज्य की हॉट सीटों पर टिकीं नजरें, कहीं मंत्री तो कहीं पूर्व CM हैं मैदान में
Bihar Chunav 2020 प्रथम चरण में राज्य की 71 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। इनमें कई सीट ऐसे हैं जिनपर देशभर की निगाहें टिकी हैं। कहीं पूर्व मुख्यमंत्री तो कहीं मंत्री की प्रतिष्ठा इस चुनाव में दांव पर लगी है।
जेएनएन, पटना। Bihar Chunav 1st. Phase Voting: बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के पहले चरण मतदान (First Phase Voting) में राज्य की 71 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। ऐसे में कई सीट ऐसे हैं जिनपर राज्य ही नहीं देश भर की नजरें टिकी हैं। कहीं राज्य सरकार के मंत्री की प्रतिष्ठा दांव पर है। एक सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आमने-समाने हैं। साथ ही कई सीटों पर चर्चित प्रत्याशी मैदान में हैं। आइए डालते हैं नजर।
जहानाबाद में मंत्री कृष्णनंदन वर्मा की प्रतिष्ठा दांव पर
जहानाबाद विधानसभा सीट पर राज्य सरकार के मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा चुनावी समर में हैं। जदयू के टिकट पर वे राजग के उम्मीदवार हैं। पिछली दफा वे घोसी से लड़कर जीते थे। उनका मुकाबला राजद के विधायक कुमार कृष्णमोहन उर्फ सुदय यादव से है। भाजपा के खाते में सीट नहीं आने पर बगावत कर इंदु कश्यप लोजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
बांका में मंत्री को टक्कर दे रहे पूर्व मंत्री
बांका जिला मुख्यालय की सीट पर मंत्री और पूर्व मंत्री के बीच टक्कर है। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामनारायण मंडल भाजपा से चुनाव मैदान में हैं। उनके मुकाबले राजद ने अपने पुराने साथी पूर्व मंत्री जावेद इकबाल अंसारी को चुनाव मैदान में उतारा है। रालोसपा ने कौशल सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
दिनारा में आसान नहीं मंत्री की राह
सासाराम की दिनारा विधानसभा भी हॉट सीट बनी हुई है। यहां से दो बार चुनाव जीत चुके विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री जयकुमार सिंह जदयू प्रत्याशी हैं। वहीं भाजपा के कद्दावर नेता रहे राजेंद्र सिंह ने बगावत कर लोजपा के टिकट पर उतर कर लड़ाई का स्वरूप बदल दिया है। राजद ने इस बार पूर्व जिलाध्यक्ष विजय मंडल को चुनाव मैदान में उतारा है।
लखीसराय में श्रम संसाधन मंत्री के सामने नया चेहरा
लखीसराय विधानसभा क्षेत्र से राज्य के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा भाजपा प्रत्याशी हैं। विगत दस साल से वे यहां के विधायक हैं। उनके मुकाबले में महागठबंधन में यह सीट राजद से निकलकर कांग्रेस की झोली में चली गई है। कांग्रेस ने जदयू छोड़कर आए नए चेहरे अमरेश कुमार पर दांव खेला है। पूर्व विधायक फुलैना सिंह निर्दलीय मैदान में कूदकर चुनावी लड़ाई में रोमांच ला दिया है।
जमालपुर से मंत्री शैलेश कुमार मैदान में
जमालपुर विधानसभा सीट से बीते चार चुनाव से जदयू के मंत्री शैलेश कुमार चुनाव जीत रहे हैं। एक बार फिर से एनडीए गठबंधन से जदयू ने अपने मंत्री शैलेश कुमार को उम्मीदवार बनाया है। महागठबंधन की ओर से कांग्रेस ने अजय कुमार सिंह को उम्मीदवार बनाया है। वहीं, लोजपा ने जिला पार्षद उपाध्यक्ष दुर्गेश सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। विकास के शोर के बीच जातीय गोलबंदी का प्रयास किया जा रहा है।
जमुई में तीन घरानों की लड़ाई, श्रेयसी पर नजर
जमुई विधानसभा सीट से तीन राजनीतिक घरानों की प्रतिष्ठा दांव पर है। यह हाईप्रोफाइल सीट बन गई है। पूर्व सांसद दिग्विजय सिंह की पुत्री और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। इधर, नरेंद्र सिंह के पुत्र व पूर्व विधायक अजय प्रताप बागी होकर रालोसपा से मैदान में हैं। यहां से जयप्रकाश नारायण यादव के भाई व विधायक विजय प्रकाश भी चुनाव लड़ रहे हैं।
इमामगंज में फिर से मांझी-चौधरी में टक्कर
गया की 10 सीटों में से इमामगंज वीआइपी सीट है। यहां से पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदयनारायण चौधरी के बीच फिर से मुकाबला है। पिछली बार भी इन्हीं दोनों के बीच मुकाबला था जिसमें मांझी बीस पड़े थे। इस सीट से कुल 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। लोजपा की कुमारी शोभा सिन्हा लड़ाई का तीसरा कोण बना रही हैं।
गया में मंत्री प्रेम कुमार के सामने साख बचाने की चुनौती
गया शहरी क्षेत्र का करीब 30 वर्षों से प्रतिनिधित्व कर रहे मंत्री डॉ. प्रेम कुमार भाजपा के प्रत्याशी हैं। इनका मुकाबला कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अखौरी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव से माना जा रहा है। यहां से कुल 27 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। जातीय गोलबंदी भी दिख रही है।
मोकामा में अनंत सिंह की किस्मत दांव पर
मोकामा से जीत की हैट्रिक लगा चुके बाहुबली अनंत सिंह राजद के टिकट पर खड़े हैं। वे पिछली बार निर्दलीय जीते थे। उसके पहले जदयू के टिकट पर भी विधायक रह चुके हैं। उससे मुकाबले के लिए जदयू ने राजीव लोचन नारायण सिंह को मैदान में उतारा है। सुरेश निषाद लोजपा के उम्मीदवार हैं।