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बिहार से उत्तर प्रदेश की दूरी हुई कम, शादी-विवाह करने वालों के साथ व्यापारियों को बड़ा लाभ

बिहार-यूपी की लाइफलाइन पीपा पुल बन जाने के बाद उस पर आवागमन भी शुरू हो गया। पुल के बनाए जाने से दोनों ही राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों की दूरी लगभग 40 से 50 किलोमीटर कम हो गई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 11 Dec 2021 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 11 Dec 2021 05:20 PM (IST)
बिहार से यूपी की दूरी कम हो गई है। सांकेतिक तस्वीर।

संवाद सहयोगी, ब्रह्मपुर (बक्सर): नैनीजोर में गंगा नदी पर बिहार-यूपी की लाइफलाइन पीपा पुल बन जाने के बाद उस पर आवागमन भी शुरू हो गया। पुल के बनाए जाने से दोनों ही राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों की दूरी लगभग 40 से 50 किलोमीटर कम हो गई है। ब्रह्मपुर अंचल के दियारा क्षेत्र के नैनीजोर में पुल निर्माण निगम द्वारा प्रतिवर्ष गंगा नदी पर पीपा पुल बनाया जाता है। बरसात का मौसम शुरू होते ही चार महीने के लिए यह पुल खोल दिया जाता है और तीन महीने में फिर से पीपा पुल को बना दिया जाता है। पुल निर्माण निगम द्वारा नैनीजोर के बिहार घाट पर पीपा पुल बनाने के लिए पांच साल के लिए ठीका दे दिया गया है।

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बिहार घाट पर पक्का पुल निर्माण करने की मांग

इस पुल के बन जाने के बाद बक्सर तथा समीपवर्ती भोजपुर जिले के दियारा क्षेत्र के ग्रामीणों को यूपी के बलिया आने-जाने में काफी सुविधा हो जाती है। शादी-विवाह, व्यापार, बाजार और शिक्षा आदि कार्यों के लिए बड़ी संख्या में लोग दोनों राज्यों के बीच आते-जाते हैं। चार महीने बरसात के मौसम में पुल को खोल दिए जाने के बाद नौका के सहारे लोग आते-जाते हैं। इसलिए ग्रामीण बिहार घाट पर पक्का पुल निर्माण करने की मांग कर रहे हैं।

उस पार खेती करने जाते नैनीजोर के किसान

नैनीजोर और आसपास ग्रामीण क्षेत्रों के किसान बड़ी संख्या में उस पार बलिया जिले में अपने खेतों में खेती करने के लिए जाते हैं। यहां के किसानों का लगभग पांच हजार एकड़ खेत उस पारकर बलिया जिले के सीमा क्षेत्र में जाना पड़ता है। इसी पुल के सहारे किसान ट्रैक्टर या खाद बीज लेकर जाते हैं। अनाज और चारे को लाने का जरिया भी यही है। दियारा क्षेत्र के ग्रामीणों की सुविधा के लिए बना यह पीपा पुल बालू तस्करी का भी सेफ जोन बन जाता है। 


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