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लॉकडाउन के बाद ट्रांसपोर्टेशन में बढ़ने वाली है चुनौती, रेल-सड़क और हवाई सफर को ले लाेगों में उत्‍सुकता

लॉकडाउन के बाद यातायात की व्यवस्था कैसी होगी। किस तरह के विमानों का परिचालन होगा ट्रेनों में यात्रा की क्या स्थिति रहेगी इसे लेकर संबंधित अधिकारियों और लोगों में उत्सुकता है...।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 30 Apr 2020 05:59 PM (IST)Updated: Thu, 30 Apr 2020 10:55 PM (IST)
लॉकडाउन के बाद ट्रांसपोर्टेशन में बढ़ने वाली है चुनौती, रेल-सड़क और हवाई सफर को ले लाेगों में उत्‍सुकता
लॉकडाउन के बाद ट्रांसपोर्टेशन में बढ़ने वाली है चुनौती, रेल-सड़क और हवाई सफर को ले लाेगों में उत्‍सुकता

पटना, चंद्रशेखर। लॉकडाउन के बाद यातायात की व्यवस्था कैसी होगी। किस तरह के विमानों का परिचालन होगा, ट्रेनों में यात्रा की क्या स्थिति रहेगी, इसे लेकर संबंधित अधिकारियों और लोगों में उत्सुकता है। हालांकि ट्रेन हो अथवा विमान या बसों का परिचालन, इसमें सैनिटाइजेशन व शारीरिक दूरी बनाए रखना चुनौती होगी। स्टेशन अथवा एयरपोर्ट में प्रवेश के पहले आश्वस्त होना होगा कि यात्री संक्रमित तो नहीं। कर्मचारियों की जांच के बाद ड्यूटी लगानी होगी। बड़े विमानों की अपेक्षा एयर बस 320 अथवा बोइंग 737 पर ही जोर होगा। आरोग्य सेतु एप अनिवार्य हो। हालांकि अभी तक ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है।  

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क्या हो विमान में व्यवस्था

विमान सेवाओं से जुड़े रहे रिटायर्ड अधिकारी अमरेंद्र सिंह के अनुसार एयरपोर्ट पर इंट्री के पहले सारे तरह के कागजात की डिजिटल जांच करनी होगी। लगेज हैंडङ्क्षलग टचलेस करनी होगा। चेङ्क्षकग काउंटर्स पर विशेष सावधानी बरतनी होगी। लगेज का वजन कम करना होगा। इंट्री के वक्त यात्रियों की स्क्रीङ्क्षनग व सैनिटाइजेशन का काम करना होगा। शारीरिक दूरी बनाए रखना होगा। ठहराव समय को बढ़ाकर 40 मिनट करना होगा। 

सेकंड एसी बोगियों की अधिक जरूरत

कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए शारीरिक दूरी बनाए रखना होगा। इसके लिए ट्रेनों में एसी टू के अधिक कोच लगाने होंगे। तृतीय एसी कोच व स्लीपर कोच में बीच की बर्थ को हटाना होगा। सेवानिवृत्त रेल अधिकारी बीपी सिंह के अनुसार स्टेशन पर इंट्री के पहले यात्रियों को सैनिटाइज कर थर्मल स्क्रीङ्क्षनग के बाद ही एक-एक कर ट्रेन की बोगियों में बैठाना होगा। 

लंबी दूरी की बसें भी चुनौती

लंबी दूरी की बसों का परिचालन विलंब से शुरू होने की संभावना है। बस ऑपरेटर सुधीर कुमार के अनुसार इसके लिए बस स्टैंड पर एक प्रवेश द्वार और एक ही निकास करना होगा। इंट्री गेट पर ही मेडिकल टीम स्क्रीङ्क्षनग कर अंदर जाने की अनुमित दे। बसों पर सीट पर एक ही यात्री के बैठने की व्यवस्था हो। कंडक्टर, चालक व खलासी की नियमित जांच हो, सैनिटाइज करने का इंतजाम हो। बीच रास्ते में बस नहीं रोकने दी जाए। 


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