आरा में अंबेडकर की मूर्ति क्षतिग्रस्त होने पर फूटा लोगों का गुस्सा, हंगामे के बाद पहुंचा प्रशासन
आरा में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा का एक हाथ क्षतिग्रस्त होने के बाद मामला गर्म हो गया है। भाकपा माले इसे किसी शरारती तस्व की करतूत बता रही है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि मूर्ति काफी पुरानी होने से इसका कुछ हिस्सा झड़ गया है।
पटना, जेएनएन। भोजपुर जिले के आरा शहर के समाहरणालय भवन मोड़ स्थित डाॅक्टर भीम राव अंबेदकर की प्रतिमा के क्षतिग्रस्त होने से शुक्रवार को आक्रोश भड़क उठा। प्रतिमा के साथ छेड़छाड़ और हाथ की कलाई तोड़े जाने का आरोप लगाकर भाकपा-माले समेत अनुसूचित जाति-जनजाति से जुड़े समर्थकों ने हंगामा व प्रदर्शन शुरू कर दिया। बाद में सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंच गई। महागठबंधन प्रत्याशी क्यामुद्दीन अंसारी ने अंबेडकर की मूर्ति पर हमला बताते हुए दोषियों पर कार्रवाई व मूर्ति की मरम्मत किए जाने की मांग की है। हालांकि, शुरुआती जांच में प्रशासन का कहना हैं कि लोह के राड में जंग लगने व प्लास्टर कमजोर होने होने ने से ऐसा हुआ हैं। फिर भी छानबीन चल रही हैं।
बीस साल पहले हुआ था आदमकद प्रतिमा का अनावरण
बताया जाता हैं कि आरा के समाहरणालय भवन मोड़ के समीप साल 1992 में डाक्टर भीम राव अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा का निर्माण हुआ था। सुरक्षा के दृष्टिकोण से घेराबंदी भी कराई गई है। लेकिन, गेट खुला रहता हैं। जिसके कारण अक्सर शरारती तत्वों का आना-जाना लगा रहता हैं। इस दौरान गुरुवार की रात प्रतिमा का हाथ अचानक क्षतिग्रस्त हो गया। शुक्रवार की सुबह सूचना मिलने पर भीड़ जुट गई। शरारती तत्वों द्वारा प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किए जाने का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया गया। सूचना मिलने पर टाउन इंस्पेक्टर धर्मेन्द्र कुमार, नवादा इंस्पेक्टर सुबोध कुमार तथा सीओ वहां पहुंच गए। समझा बुझाकर आक्रोश को शांत किया।
जिलाधिकारी ने कहा, कमजोर होकर झड़ गया है मूर्ति का कुछ हिस्सा
इधर, भोजपुर जिलाधिकारी रौशन कुशवाहा ने कहा आदमकद प्रतिमा का प्लास्टर व राड कमजोर हो.गया है। जिसके चलते हाथ का भाग कमजोर होकर झड़ गया है । सीओ व थानाध्यक्ष को मरम्मत कराने के लिए भेजा गया है। मूर्ति तोड़े जाने का आरोप गलत है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बगैर जाने-समझे अफवाह नहीं फैलानी चाहिए।