शराब के धंधे में फंसे अभियुक्तों को पटना हाईकोर्ट से मिला होली का तोहफा... जानें पूरा मामला...
शराब के धंधे में बंद अभियुक्तों को पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को होली का तोहफ़ा दे दिया है। इन अभियुक्तों में कुछ कुछ पीने-पिलाने वाले शराबी भी शामिल हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। शराब के धंधे में बंद अभियुक्तों को पटना हाईकोर्ट ने बुधवार को होली का तोहफ़ा दे दिया है। इन अभियुक्तों में कुछ कुछ पीने-पिलाने वाले शराबी भी शामिल हैं। जमानत मिलने के बाद ये होली के पहले जेल से निकल जाएंगे। एक साथ जमानत पाने वालों में कुल अभियुक्तों की संख्या 84 है। इन अभियुक्तों को 50 हजार के निजी मुचलके पर निचली अदालत को जेल से निकलने का निर्देश देना होगा।
न्यायाधीश डा. अनिल कुमार उपाध्याय ने विनीत कुमार, कृष्णा राय, केहर सिंह सहित 84 अभियुक्तों को जमानत प्रदान करते हुए कहा कि इन में अधिकांश ऐसे अभियुक्त हैं, जिनसे शराब तो पकड़ ली गई थी, लेकिन शराब की जांच वैज्ञानिक तरीके से नहीं की गई। आपूर्तिकर्ता से पकड़ी गई शराब की जांच विधि प्रयोगशाला (एफएसएल) में नहीं की गई थी। जिससे यह पता नहीं चल पाया कि पकड़े गए द्रव्य शराब ही था।
अदालत ने कहा कि केवल शराब पकड़ने का दावा करने मात्र से शराबबंदी कानून का पालन नहीं होता। इसकी जांच भी होनी चाहिए। दूसरी तरफ राज्य सरकार की ओर से सरकारी वकील विकास कुमार ने कहा कि प्रावधान में यह नहीं है कि पकड़ी गई एक ड्रम शराब की पूरी जांच होगी या ड्रम से निकाली गई एक चम्मच शराब की। नियमों के अनुसार दोनों एक समान माने जाते हैं।
सुनवाई की पिछली तारीख को ही अदालत ने न्यायालय में उपस्थित अपर महासचिव आमिर सुबहानी और उत्पाद कमिश्नर बी. कार्तिकेय धनजी को हलफनामा निर्गत कर बताने को कहा था कि पकड़ी गई शराब की जांच वैज्ञानिक तरीके से होती है अथवा नहीं? उत्पाद विभाग से मिले जवाब पर अदालत पूरी तरह संतुष्ट नहीं थी। जवाब में बताया गया था कि जब्त शराब की जांच हुई थी, लेकिन कुछ अभियुक्तों से पकड़ी गई शराब की जांच नहीं हो पाई थी। भारी मात्रा में पकड़ी गई शराब को नष्ट भी किया गया था।