PoK में ट्रेनिंग लेने की फिराक में थे गया में पकड़े गए तीनों आतंकी
बिहार के गया से गिरफ्तार तीनों आतंकी जिहाद के लिए चंदा वसूलकर जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों फंडिंग करते थे। तीनों पीओके में आतंक की ट्रेनिंग लेने की फिराक में थे।
पटना [राज्य ब्यूरो]। गया से गिरफ्तार तीन स्थानीय युवक किसी आतंकी संगठन के स्लीपर सेल के रूप में नहीं बल्कि वे आतंक के एक नए मॉड्यूल के रूप में काम कर रहे थे। खुफिया एवं सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि इन तीनों युवकों का संबंध न तो जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) से है और न ही इंडियन मुजाहिदीन या सिमी से है।
ये तीनों युवक गया में रहकर दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आइएसआइएस के लिए फंड इकठ्ठा कर उसे जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों को ट्रांसफर करते थे। ये तीनों पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में संचालित आतंक के ट्रेनिंग कैंप के लिए रवाना होने वाले थे।
गिरफ्तार युवकों में मो. अनवर उर्फ मुन्ना मिस्त्री की गतिविधियों की पिछले एक साल से भी अधिक समय से निगरानी की जा रही थी। आतंक के लिए धन एकत्रित करने का अंदाज भी इनका निराला था। इनके बैंक खातों में विदेश से धन मिलने का अबतक कोई साक्ष्य जांच एजेंसियों को नहीं मिला है।
ये तीनों युवक गया में रहकर चंदा उगाही का काम करते थे, जिसे समय-समय पर ये तीनों जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों को ट्रांसफर करते थे। जांच में अबतक इनके द्वारा छह बार जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों के लिए पैसे ट्रांसफर करने के साक्ष्य जांच एजेंसियों को मिले हैं। लाखों रुपये जम्मू-कश्मीर भेजे गए हैं। अबतक की जांच में इनके बैंक खातों में विदेशों से पैसे ट्रांसफर किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है।
इनका सरगना मो. अनवर उर्फ मुन्ना मिस्त्री को बताया जाता है। मो. शमी और मो. शाद को अनवर ने अपने मिशन से जोड़ा था। मो. शमी के खिलाफ गया के स्थानीय थानों में कुछ आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। तीसरा युवक मो. शाद छात्र बताया जाता है। तीनों युवक गया समेत राज्य के अन्य जिलों में अपने आतंकी नेटवर्क के लिए स्लीपर सेल भी तैयार कर रहे थे, जिससे जेहाद पसंद युवकों को जोड़ा जा रहा था।