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धोती-कुर्ता, तुलसी कंठी पहने मथुरा पहुंचे लालू के लाल तेजप्रताप, पिता की तारीफ की

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव एक बार फिर मथुरा यात्रा पर हैं। वहां वो अपनी मित्र मंडली के साथ कुर्ता-धोती , तुलसी की कंठीमाला पहने नजर आए।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:11 PM (IST)
धोती-कुर्ता, तुलसी कंठी पहने मथुरा पहुंचे लालू के लाल तेजप्रताप, पिता की तारीफ की
धोती-कुर्ता, तुलसी कंठी पहने मथुरा पहुंचे लालू के लाल तेजप्रताप, पिता की तारीफ की

पटना [जेएनएन]। बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और लालू यादव के पुत्र तेजप्रताप यादव ने मंगलवार को मथुरा में थे वहां से ब्रजरज पहुंचे तेजप्रताप ने परंपरागत वेशभूषा धोती-कुर्ता, तुलसी की कंठी पहने यहां पहुंचे, साथ ही तेजप्रताप यादव के मित्रों की पूरी मंडली भी इसी वेशभूषा में थी।

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तेजप्रताप ने कहा-हम कृष्ण के वंशज हैं

तेजप्रताप जब मथुरा स्टेशन डायरेक्टर के पास पटना वापसी का टिकट बनवाने के लिए पहुंचे तो उन्होंने कहा कि हम भगवान कृष्ण के वंशज हैं और यहां पिछले 15 वर्ष से श्रीवृन्दावनी फाउंडेशन बनाकर भगवान श्रीराधाकृष्ण की लीलास्थलियों के संरक्षण और विकास कार्यों में जुटे हैं। रमेश बाबा के साथ ब्रह्मांचल पर्वत के संरक्षण में भी उन्होंने सहयोग दिया था।

केंद्र सरकार पर जमकर बरसे तेजप्रताप

यहां तेजप्रताप केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि वर्तमान सरकार ने गरीबों को पूरी तरह नकार कर सिर्फ उद्योगपतियों को सिर पर बिठाया है। 2019 में देशभर से भाजपा का सफाया हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि माल्या जैसे उद्योगपतियों को प्रधानमंत्री मोदी का संरक्षण मिला हुआ है। उन्हें पकड़कर वापस लाना चाहिए, जो गरीबों का पैसा लेकर फरार हैं। देश में कहीं भी महिला सुरिक्षत नहीं है।

पिता की खूब तारीफ की 

तेजप्रताप ने कहा कि उनके पिता जब रेलमंत्री थे, तब रेलवे को जमीनी स्तर से जोड़ने के लिए कुल्हड़ों, खादी के पर्दे आदि के सफल प्रयोग कर मुनाफा कमाया था और कुलियों का नियमितीकरण शुरू किया था। अब रेलवे के हालात और कुलियों की दशा बदतर है।

एक साल में दर्जनभर से अधिक बार गए हैं मथुरा

बता दें कि प्रेम में पड़ राधा-कृष्ण के दीवाने हो चुके तेजप्रताप यादव  बीते एक वर्ष में दर्जनभर से अधिक बार कान्हा की भूमि पर आ चुके हैं। वे फिर दो दिन के लिए बरसाना आए हैं। वह अपनी श्री वृंदावनी फाउंडेशन से ब्रज को संरक्षित करने का इरादा बना चुके हैं। यह संस्था ब्रज के लिए करीब 15 वर्ष से काम कर रही है।

पिता लालू यादव जब रेलमंत्री थे, तब पहली बार उनका ब्रज आना हुआ। उसके बाद ब्रज के प्रति उनका प्रेम बढ़ता गया। वह चुपचाप अपने चुनिंदा साथियों के साथ आते हैं और वृंदावन के अग्रसेन भवन में रुकते हैं। यहां से अलसुबह ही बरसाना निकल जाते हैं। इस भूमि पर उनका पूरा दिन बीतता है। 


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