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हार के बाद भी बरकरार हैं लालू के लाल तेज प्रताप के तेवर, कहा- हम क्यों, टिकट बांटने वाले जिम्मेदार

लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के तेवर बरकरार हैं। उन्होंने कहा है कि हम क्यों लें हार की जिम्मेदारी?

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 29 May 2019 08:56 AM (IST)Updated: Thu, 30 May 2019 10:10 AM (IST)
हार के बाद भी बरकरार हैं लालू के लाल तेज प्रताप के तेवर, कहा- हम क्यों, टिकट बांटने वाले जिम्मेदार
हार के बाद भी बरकरार हैं लालू के लाल तेज प्रताप के तेवर, कहा- हम क्यों, टिकट बांटने वाले जिम्मेदार

पटना, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा के लिए बुलाई गई राजद की बैठक में तेजप्रताप यादव और लालू प्रसाद का पारिवारिक विवाद छाया रहा। पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने तेजप्रताप के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। लेकिन, तेजप्रताप के तेवर वैसे ही बरकरार रहे और उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि-हार की जिम्मेवारी हम क्यों लें? जिम्मेदारी टिकट बांटने वाले और चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवार लें।

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उसके बाद तेज ने-इवीएम हटाओ, देश बचाओ के नारे के साथ आन्दोलन की घोषणा की। उन्होंने विपक्ष के नेता पद से तेजस्वी के इस्तीफे की मांग का भी विरोध किया। तेजप्रताप ने कहा कि आपसी समन्वय के साथ 2020 का विधानसभा चुनाव भी तेजस्वी के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा। उस चुनाव में स्वच्छ और ईमानदार लोगों को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा।

तेजप्रताप ने तेजस्वी को आसपास के लोगों से सावधान रहने की भी नसीहत दी। कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर निराश होने की जरूरत नहीं है। सामाजिक न्याय और गरीबों के हक की लड़ाई जारी रहेगी। इसे हम सब साथ मिलकर लड़ेंगे। 

खुद को श्रीकृष्ण और तेजस्वी यादव को अर्जुन बताते हुए तेजप्रताप ने एक पत्र लिखा है। पत्र की शैली से साफ है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी की पराजय को वे अधिक गंभीरता से नहीं लेते हैं। खुद को कहीं से इसके लिए जिम्मेवार भी नहीं मानते हैं।

तेजप्रताप का कहना है कि मैंने पार्टी के अंदर आपराधिक प्रवृति के लोगों और परिवार तोडऩे वालों के खिलाफ आवाज उठाई। स्वच्छ छवि के लोगों को उम्मीदवार बनाने की मांग की। मेरी बात नहीं मानी गई। मैंने शिवहर और जहानाबाद सीट की मांग की थी। वह नहीं मिली।

तेज ने कहा कि बड़े भाई के नाते उनकी सलाह सुनी जाए, क्योंकि हमने हमेशा गलत तत्वों के खिलाफ आवाज उठाई है। तेज ने तेजस्वी को भरोसा दिया है कि अगला विधानसभा और उसके आगे की लड़ाई में हम आपके साथ हैं। पत्र की शुरुआत में उन्होंने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के संघर्ष को याद किया। कहा कि वे पिता के साथ उनके राजनीतिक गुरु भी हैं। 

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