लालू के दोनों लाल, तेजस्वी और तेजप्रताप यादव ने नीतीश चाचा पर कसे तंज, जानिए
तेजस्वी यादव ने अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस करते हुए मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली फटकार को लेकर जमकर तंज कसा।
पटना, जेएनएन। तेजप्रताप और तेजस्वी यादव ने आज संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस की और मुजफ्फरपुर मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार पर जमकर तंज कसा। बजट सत्र के दौरान दोनों भाईयो ने सदन के बाहर प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि सीएम लॉ एंड ऑर्डर पर आल इज वेल कहते हैं। सीएम ने सुप्रीम कोर्ट की फटकार को दरकिनार किया है। आज तक सुप्रीम कोर्ट ने किसी को इस तरह फटकार नहीं लगाई है।
तेजस्वी ने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह बलात्कार कांड में 34 बच्चियों के साथ हुए जघन्य अपराध में सीबीआई द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री और उनके नज़दीकियों को संरक्षण दिया जा रहा है क्योंकि इन लोगों की अपराध और अपराधियों को बचाने में सीधी संलिप्तता है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगातार नीतीश सरकार को कड़ी फटकार लगायी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक के बावजूद नीतीश कुमार को बचाने के लिए सीबीआइ जांच अधिकारी का तबादला कर दिया जाता है। मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की सीडीआर डिटेल्स सार्वजनिक की जाए क्योंकि अभी भी तोंद और मूंछ वाला मंत्री बचा हुआ है।
मुख्यमंत्री के सबसे क़रीबी नेता का पीए मधुबनी बालिका गृह चलाता था जहां से लड़कियाँ ग़ायब हुई और उनकी हत्या भी हुई। मुख्यमंत्री मधुबनी बालिका गृह कांड का ज़िक्र करने में शर्माते क्यों है?
सीबीआइ के द्वारा अभी तक 3000 करोड़ सृजन घोटाले के मुख्य अभियुक्त नहीं पकड़े गए है क्योंकि उन घोटालेबाजों की नीतीश कुमार और सुशील मोदी की रसोई तक पहुंच है। नीतीश जी अपनी गर्दन बचाने और 40 घोटालों में हुए भ्रष्टाचार के पाप धोने के लिए भाजपा और आरएसएस की शरण में गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी है कि बिहार में बेहद डरावना और भयावह माहौल है। बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है। लेकिन मुख्यमंत्री इन टिप्पणियों के बावजूद लज्जा कर कहते है सब ठीक है।
सदन में हमारा कार्य स्थगन प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया जा रहा है। बोलने पर मेरा माइक बंद कर दिया जाता है। नीतीश जी आपकी तानाशाही नहीं चलेगी। जनता को तो जवाब देना ही होगा।
‘न्याय पुरुष सीएम सुप्रीमकोर्ट की फटकार पर चुप हैं।
विपक्ष ने किया जमकर हंगामा
बिहार विधानमंडल के बजट सत्र के चौथे दिन, गुरुवार को भी विपक्ष ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले पर सरकार के खिलाफ सदन के अंदर और बाहर जमकर नारेबाजी की। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार बालिका गृह मामले में लिप्त दोषियों को बचा रही है।
राजद नेताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट जांच प्रभावित करने को लेकर कई बार बिहार सरकार को फटकार लगा चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
विपक्ष का कहना है कि सरकार अगर सीबीआई को जांच में सहयोग करे तो बालिका गृह कांड में शामिल कई बड़े नाम सामने आएंगे। आखिर सुप्रीम कोर्ट को यह क्यों कहना पड़ रहा है कि सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही है। अगर विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग नहीं की होती तो सरकार खामोश बैठी रहती।
बिहार में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बदतर है। सूबे में हर रोज हत्या और लूट की वारदात हो रही है लेकिन सरकार आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।