पटना में दूध मंडी हटाने के खिलाफ तेजस्वी का धरना, लंबे अरसे बाद मिला तेज प्रताप का साथ
लालू प्रसाद यादव के बसाए एक बाजार को प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के दौरान क्या तोड़ा तेजस्वी यादव सक्रिय राजनीति में लौट आए। इस दौरान उन्हें भाई तेज प्रताप का भी साथ मिला।
पटना [जेएनएन]। पटना जंक्शन के मुख्य द्वार के समीप स्थित दूध मंडी को प्रशासन द्वारा हटाने से गुस्साए राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमाे लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटे व बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of opposition) तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) धरना पर बैठ गए। साथ देने के लिए उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) भी देर रात वहां पहुंचे। लंबे हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद गुरुवार सुबह के पहले करीब तीन बजे प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के आश्वासन के बाद तेजस्वी यादव ने धरना समाप्त किया।
दोनों भाई लंबे समय बाद एक साथ दिखे। इसके पहले तेज प्रताप ने ट्वीट कर विरोधियों को सावधान किया कि महाभारत के युद्ध (आगामी विधानसभा चुनाव) के लिए अब 'कृष्ण' (तेज प्रताप यादव) का 'अर्जुन' (तेजस्वी यादव) आ गया है।
लंबे समय तक रहे राजनीति से दूर, लगे तरह-तरह के कयास
विदित हो कि गत लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में महागठबंधन (Grand Alliance) की करारी हार के बाद से तेजस्वी यादव मुख्य धारा की राजनीति से दूर थे। इस बीच वे विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session) व आरजेडी की महत्वपूर्ण बैठकों से भी दूर रहे। राजनीति से उनकी लगातार दूरी को लेकर तरह-तरह की बातें हवा में थीं। लेकिन तेजस्वी ने बुधवार की रात तेज प्रताप के साथ धरना देकर इन कयासों पर विराम लगा दिया। धरना में आरजेडी नेता व विधायक भोला यादव व शक्ति यादव सहित कई बड़े नेता मौजूद रहे।
प्रशासन ने दूध मंडी किया ध्वस्त, धरना पर बैठे तेजस्वी
बुधवार को जिला प्रशासन की टीम ने पिछले कई दिनों से चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत पटना जंक्शन के मुख्य द्वार के समीप स्थित दूध मंडी को ध्वस्त कर दिया। प्रशासन का कहना है कि दूध मंडी सरकारी जमीन पर चल रही थी। तेजस्वी यादव दूध मार्केट को तोड़े जाने के खिलाफ वहां धरना पर बैठ गए।
धरना के दौरान तेजस्वी यादव ने कही ये बातें
तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव ने गरीब किसानों के लिए इस दूध मंडी का निर्माण कराया था। यहां दूध बेचने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादकों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं थीं। उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद प्रशासन के अधिकारियों से दूध व्यवसायियों ने मंडी तोड़ने के आदेश की कॉपी मांगी, लेकिन प्रशासन यह नहीं दिखा सका। उसने बंदूक की नोंक पर जबरन एक मंदिर सहित दूध मंडी को तोड़ दिया।
तेजस्वी ने कहा कि राज्य सरकार स्मार्ट सिटी के नाम पर गरीबों को तंग कर रही है। यह सरकार लालू प्रसाद यादव के किए गए कामों को मिटाना चाहती है। इस दूध मंडी को लालू प्रसाद यादव ने ही मुख्यमंत्री रहते बनाया था। प्रशासन हाई कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर मनमानी कर रहा है।
भारी बारिश के बावजूद घटनास्थल पर धरना देते तेजस्वी ने कहा कि सरकार ने कोई वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना कम-से-कम 10 हजार परिवारों को सड़क पर ला दिया है। सवाल यह है कि दूध मंडी तोड़ने के गैर-कानूनी काम से 10 हजार व्यवसायियों, सरकारी संपत्ति व मंदिर का जो नुकसान हुअ है, उनकी भरपाई कौन करेगा?
तेजस्वी ने कहा कि यदि दूध वालों को पुनर्स्थापित नहीं किया गया तो बड़ा आंदोलन होगा। आरजेडी अपने खून का कतरा-कतरा बहा देगी, लेकिन चुप नहीं बैठेगी। तेजस्वी ने कहा कि बिहार की नीतीश सरकार अराजकता के हालात बना रही है। ऐसे में विपक्ष को यह पता है कि सरकार को कैसे लाइन पर लाया जाए।
ट्वीट कर कहा: नीतीश कुमार को गरीबों से नफरत
इसके पहले तेजस्वी ने ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ग़रीबों से नफरत है। उन्हें पीड़ा है कि किसानों के बेटे पटना की मुख्य बाजार में दूध और मछली क्यों बेचते हैं? लालू प्रसाद यादव ने गरीबों के लिए दूध और मछली बाजार बनवाया था, यह नीतीश कुमार को कैसे हजम होता? इसलिए बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए इसे तुड़वा रहे हैं।
CM को ग़रीबों से नफ़रत है।उन्हें पीड़ा है कि किसानों के बेटे पटना की मुख्य मार्केट में दुग्ध और मछली क्यों बेचते है? तत्कालीन CM @laluprasadrjd जी ने ग़रीबों के लिए दुग्ध और मछली मार्केट को बनवाया था यह नीतीश जी को कैसे हज़म होता इसलिए बिना वैकल्पिक व्यवस्था के इसे तुड़वा रहे है — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 21, 2019
धरना के दैरान वहीं से किए अपने एक अन्य ट्वीट में तेजस्वी ने कहा कि वे भारी बारिश के बावजूद घटनास्थल पर हैं, लेकिन कोई भी वरिष्ठ अधिकारी मंडी (मार्केट) तोड़ने के आदेश की कॉपी लेकर नहीं आया है। सभी बड़े अधिकारियों ने फ़ोन बंद कर लिए हैं। जन्माष्टमी के दो दिन पहले भगवान श्रीकृष्ण मंदिर को तोड़ दिया।
भारी बारिश के बावजूद ढाई घंटे से घटनास्थल पर हूँ लेकिन कोई भी वरिष्ठ अधिकारी यहाँ मार्केट तोड़ने के आदेश की कॉपी लेकर नहीं आया है। सभी बड़े अधिकारियों ने फ़ोन बंद कर लिए है।परसों जन्माष्टमी है लेकिन आज ही भगवान श्रीकृष्ण मंदिर को तोड़ दिया। कायर सरकार छुप क्यों रही है? pic.twitter.com/tjgevbEWwj — Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 21, 2019
धरने में भाई का साथ देने पहुंचे तेज प्रताप यादव
लंबे समय से राजनीति से दूर रहे तेजस्वी यादव ने जैसे ही राजनीतिक सक्रियता दिखाते हुए दूध मंडी तोड़ने के खिलाफ धरना दिया, बडे भाई तेज प्रताप यादव भी वहां पहुंच गए। इसके पहले तेज प्रताप ने तेजस्वी के लंबे समय बाद पटना पहुंचने व राजनीतिक रूप से सक्रिय होने को लेकर ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अब विरोधी होशियार हो जाएं, क्योकि महाभारत के युद्ध (विधानसभा चुनाव 2020) में अब कृष्ण (तेज प्रताप यादव) का अर्जुन (तेजस्वी यादव) आ गया है।
अंतत: प्रशासन ने मांनी मांग, धरना समाप्त
धरना के दौरान एक समय ऐसा भी आया, जब यह चर्चा होने लगी कि पुलिस लाठीचार्ज कर सकती है। धरना के दौरान तेजस्वी ने नई शर्त रखी कि जितने रकबा में दूध मंडी थी, प्रशासन उतनी जगह देने का करार करे। साथ ही स्मार्ट सिटी के तहत दूध मंडी की संरचना भी शामिल हो। अंतत: तेजस्वी की मांग मान ली गई। प्रशासन द्वारा दूध मंडी को बकरी मंडी में विस्थापित करने का लिखित आश्वासन देने के बाद तेजस्वी ने धरना समाप्त कर दिया। इस दौरान वहां जमकर 'लालू यादव जिंदाबाद' के नारे भी लगे।