Bihar Chunav Result 2020: बिहार पर टिकीं देशभर की निगाहें, सरकार बनते देख महागठबंधन बाग-बाग
Bihar Chunav Result 2020 जीत या हार के इंतजार में नेताओं की धड़कने बढ़ी हुई हैं। एक्जिट पोल के नतीजे कभी गुदगुदा जाते हैं तो अगले ही पल निराशा के गर्त में भी ढकेल देते हैं। वजह एक्जिट पोल और वास्तविक परिणाम के बीच अक्सर रहने वाली दूरी है।
पटना, जेएनएन। Bihar Chunav Result 2020 बिहार पर देशभर की निगाहें टिक गई हैं। 10 नवंबर को यहां विधानसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं। इस लिहाज से मतगणना के बाद के परिणाम को जानने की आतुरता हर वर्ग में है। मंगलवार को आने वाले चुनावी नतीजे को लेकर नीचे से ऊपर तक सबकी सांसें अटकी हैं। बहुतेरे एग्जिट पोल के जरिये सूबे में अपनी सरकार बनते देख जहां राजद-कांग्रेस-वाममोर्चा का महागठबंधन अंदर ही अंदर गुदगुदा रहा है, वहीं भाजपा-जदयू एनडीए गठबंधन में अनुमान से बेहतर परिणाम की छटपटाहट देखी जा रही है।
वास्तविक परिणाम और एक्जिट पोल में अंतर से कुछ दलों को राहत
महीने भर की कड़ी मेहनत के बाद भी राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं को चैन नहीं है। जीत या हार के इंतजार में उनकी धड़कने बढ़ी हुई हैं। एक्जिट पोल के नतीजे कभी गुदगुदा जाते हैं तो अगले ही पल निराशा के गर्त में भी ढकेल देते हैं। वजह एक्जिट पोल और वास्तविक परिणाम के बीच अक्सर रहने वाली दूरी है। हालांकि मोटे तौर पर एक्जिट पोल के नतीजे महागठबंधन के दलों को खुश करने वाले हैं। लेकिन, एनडीए के नेता भी निराश नहीं हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकिशोर यादव कहते हैं-इसमें (एक्जिट पोल में) में खुश या दुखी होने का कोई कारण नहीं रहता है। ज्यादातर ये वास्तविक नतीजों से उलट होते हैं।
बिहार में एक्जिट पोल और परिणाम में रहा है बड़ा फासला
एनडीए के घटक दलों की मायूसी यह सोचकर कम हो रही है कि बिहार में एक्जिट पोल और परिणाम में बड़ा फासला रहता रहा है। ताजा उदाहरण 2019 का लोकसभा चुनाव है। उसमें महागठबंधन को 15 और जदयू को नौ सीटें दी गई थीं। परिणाम आया तो महागठबंधन महज एक सीट हासिल कर पाया। राजद का खाता भी नहीं खुला। जदयू को 16 सीटों पर जीत मिली। उस चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला हुआ था। 2020 के विधानसभा चुनाव में 50 से अधिक सीटों पर बहुकोणीय संघर्ष रहा।
एनडीए को एग्जिट पोल पर भरोसा नहीं
जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने एनडीए के आंतरिक सर्वे के हवाले से कहा कि एक्जिट पोल पर उन्हें भरोसा नहीं हैं। आंतरिक सर्वे में न्यूनतम वोट के आधार पर आकलन किया गया। इसके मुताबिक जदयू को 70 से अधिक और भाजपा को 80 से 85 सीट मिलने का अनुमान है। इसी तरह हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा को तीन और विकासशील इंसान पार्टी को चार सीटें आ सकती हैं। यह आंकड़ा एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिला रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में औंधे मुंह गिरा एग्जिट पोल
एनडीए के मायूस नेताओं को 2015 के एक्जिट पोल और वास्तविक परिणाम के बीच की दूरी से बड़ी राहत मिल रही है। 2020 के एक्जिट पोल में एक एजेंसी ने महागठबंधन के लिए विशाल बहुमत की भविष्यवाणी की है। इसी एजेंसी के 2015 के सर्वे में एनडीए को 155 सीट दी गई थी। एजेंसी ने महागठबंधन के लिए सिर्फ 83 सीटों की भविष्यवाणी की थी। परिणाम पूरी तरह उलट गया। एनडीए सिर्फ 58 सीटों पर सिमट गया। महागठबंधन को 83 के बदले 178 सीटें मिली थी। उस चुनाव में शामिल कुल नौ प्रमुख एजेंसियों के एक्जिट पोल में सिर्फ तीन ने महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत का अनुमान किया था। लेकिन, वह भी कामचलाऊ बहुमत।