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Bihar MLC Election 2020: प्रत्‍याशी बनने को ले तेज प्रताप अड़े, राबड़ी आवास पर हंगामा; राजद में आक्रोश

Bihar MLC Election 2020 राजद में प्रत्याशियों का चयन अभी बाकी है लेकिन दावेदारों में संघर्ष शुरू हो गया है। विधानसभा कोटे की खाली हुई नौ सीटों में से राजद को तीन सीटें मिलनी हैं।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Mon, 22 Jun 2020 10:22 PM (IST)Updated: Tue, 23 Jun 2020 09:59 AM (IST)
Bihar MLC Election 2020: प्रत्‍याशी बनने को ले तेज प्रताप अड़े, राबड़ी आवास पर हंगामा; राजद में आक्रोश
Bihar MLC Election 2020: प्रत्‍याशी बनने को ले तेज प्रताप अड़े, राबड़ी आवास पर हंगामा; राजद में आक्रोश

पटना,  राज्य ब्यूरो। बिहार विधान परिषद चुनाव के लिए राजद में प्रत्याशियों का चयन अभी बाकी है, लेकिन दावेदारों में संघर्ष शुरू हो गया है। विधानसभा कोटे की खाली हुई नौ सीटों में से राजद को तीन सीटें मिलनी हैं। उम्मीदवारों के नामों की चर्चा होते ही विरोध भी शुरू हो गया है। इस कड़ी में सबसे पहला नाम तेज प्रताप यादव का है। वह फिलहाल दिल्ली में हैं और किसी भी हाल में विधान परिषद जाने के लिए अड़े हुए हैं। विरोध करने वालों में दूसरा नाम राजद नेता एवं पूर्व मंत्री राघोपुर के पूर्व विधायक उदय नारायण राय उर्फ भोला राय का है। भोला राय पहली बार तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने 1995 में अपनी सीट लालू प्रसाद के लिए छोड़ी थी। बाद में इसी सीट से राबड़ी देवी भी चुनाव लड़ी थीं और अभी तेजस्वी यादव विधायक हैं। भोला के समर्थकों ने सोमवार को राबड़ी देवी के सरकारी आवास के बाहर जमकर बवाल किया।

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भोला राय राजद सरकार में रह चुके हैं मंत्री

भोला राय के समर्थकों का कहना था कि भोला ने लालू परिवार के लिए अपनी जीती हुई सीट छोड़ दी थी। नेतृत्व ने उन्हें विधान परिषद में भेजने का आश्वासन दिया था, किंतु जब समय आया तो उनके नाम पर विचार भी नहीं किया जा रहा है। समर्थक हर हर हाल में भोला राय को प्रत्याशी बनाने के लिए पार्टी नेतृत्व पर दबाव बना रहे थे। बाद में पार्टी के नेताओं ने कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर वापस किया। भोला राय राघोपुर के रहने वाले हैं, जहां से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विधायक हैं। भोला इसके पहले भी कई बार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। राजद की सरकार में उन्हें मंत्री भी बनाया गया था। 

एमएलसी बनने को तेज प्रताप ने बनाया दबाब

दिन प्रतिदिन बदल रहे हालात में अब तेज प्रताप यादव भी विधान परिषद के सदस्य बनने के लिए परिवार पर दबाव बढ़ा दिया है। चुनावी वर्ष में परिवारवाद के आरोपों के डर से शुरू में तेज प्रताप को विधान परिषद चुनाव से दूर रखा गया था। पारिवारिक सूत्रों का कहना है कि तेज प्रताप मान भी गए थे और वह बख्तियारपुर से चुनाव लडऩे की तैयारी में जुट भी गए थे। किंतु इधर दो दिनों से वह पार्टी पर भारी दबाव बनाए हुए हैं। कहा जा रहा है कि तेज प्रताप ने अपना नामांकन पत्र भी तैयार कर लिया है। 


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