बिहार में कोरोना वायरस के लक्षण वही, तेवर खतरनाक, हैरान हैं डॉक्टर
पटना के कोविड अस्पतालों में भर्ती संक्रमितों की हालत अचानक तेजी से बिगड़ रही है। यह खतरनाक संकेत है। 50 प्रतिशत मरीजों को आइसीयू की जरूरत पड़ रही है। एम्स पटना में आइसीयू में जगह नहीं होने के कारण मरीजों को पीएमसीएच भेजा जा रहा है।
पटना , जागरण संवाददाता । सार्स कोव-2 वायरस की पहेली अब तक अबूझ बनी हुई है। यूरोप-अमेरिका में इसके स्ट्रेन (म्यूटेशन के कारण समय गुजरने के साथ प्रकृति में बदलाव से अधिक या कम खतरनाक होना) में बदलाव हुआ है। देश में अभी तक इसके साक्ष्य नहीं मिले हैं, लेकिन राजधानी स्थित कोविड अस्पताल एम्स पटना में कोरोना संक्रमितों की हालत खतरनाक संकेत दे रही है। प्रदेश में संक्रमितों में लक्षण भले ही पुराने हों, लेकिन उनकी हालत अचानक तेजी से बिगड़ रही है। आलम यह है कि एम्स पटना के सभी आइसीयू भर चुके हैं और रोगियों को पीएमसीएच रेफर किया जा रहा है।
संक्रमितों की हालत हो रही ज्यादा गंभीर :
एम्स पटना के कोरोना नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया, कोरोना वायरस का प्रदेश या देश में स्ट्रेन चेंज हुआ है कि नहीं, यह तो वायरोलॉजी लैब ही बता सकती है। हालांकि, विगत 15 दिनों से संक्रमितों की हालत में दो गंभीर परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। पहला-जुलाई व अगस्त में जब रोगियों की संख्या वर्तमान से करीब दोगुनी थी, संक्रमित 12 से 14 दिन में पूरी तरह ठीक हो जा रहे थे। वर्तमान में यह समय 17 दिन या उससे अधिक हो गया है। वहीं, दूसरा खतरनाक लक्षण यह है कि करीब 50 फीसद संक्रमितों की हालत अचानक गंभीर हो रही है। रोगी की हालत इतनी तेजी से बिगड़ती है कि उसे तुरंत आइसीयू में स्थानांतरित करने की जरूरत पड़ रही है।
सात दिन से एम्स गंभीर रोगियों को भेज रहा दूसरे अस्पताल :
विगत सात दिन से एम्स का आइसीयू फुल चल रहा है। इस कारण ऐसे गंभीर रोगी, जिन्हें तुरंत आइसीयू की जरूरत है, वापस किया जा रहा है। नतीजतन, पहली बार पीएमसीएच में भी कोरोना के गंभीर रोगियों की संख्या बढ़ी है। वहीं, प्रतिष्ठित निजी अस्पतालों के आइसीयू भी फुल चल रहे हैं।
संस्थान, आइसीयू, भर्ती
एम्स पटना 60 60
एनएमसीएच 08 05
पीएमसीएच 36 11
- कोरोना इलाज के लिए चिह्नित सभी 18 निजी अस्पतालों में कुल 97 बीमार भर्ती हैं।