दारौंदा उपचुनाव: सुशील मोदी की चेतावनी भी रही बेअसर, हर राउंड में आगे रहे व्यास सिंह Siwan News
सिवान की दरौंदा विधानसभा के लिए हुए उपचुनाव में कोई समीकरण काम नहीं आया। शुरू से लेकर अंत तक व्यास सिंह आगे रहे और अंत में जीत गए।
कीर्ति पांडेय, सिवान। सिवान के दारौंदा उपचुनाव में जनता के बीच व्यास सिंह ने अपना विश्वास कायम कर रखा था। इसे एेसे भी समझा जा सकता है कि एनडीए के मंच से उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की चेतावनी भी बेअसर रही। अंत में यही चेतावनी कर्णजीत सिंह उर्फ व्यास सिंह के लिए रामबाण बन गई। दारौंदा विधानसभा उपचुनाव के लिए प्रचार समाप्त होने के तीन दिन पहले से ही जनता ने मन बना लिया कि इस बार कर्णजीत सिंह को विधायक बनाना है।
एक साथ तीन क्षत्रिय थे मैदान में
दारौंदा विधानसभा में क्षत्रिय जाति बहुल्य है। ऐसा कहा जाता है कि दारौंदा में अगर क्षत्रिय मेहरबान हो गए तो उस प्रत्याशी की जीत लगभग तय रहती है, पर इसबार मामला अलग था। उपचुनाव के लिए मैदान में एक साथ तीन क्षत्रिय उम्मीदवार खड़े थे। इनमें दो प्रत्याशियों को पार्टी का साथ था, जबकि एक निर्दलीय प्रत्याशी। इसके बावजूद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में कर्णजीत सिंह ने सबको पछाड़ दिया।
शुरू से अंत तक रहा व्यास सिंह का राज
गुरुवार को मतगणना शुरू होने से लेकर समापन तक जो परिणाम आते गए उनमें कर्णजीत सिंह को एक बार भी किसी प्रत्याशी ने पीछे नहीं किया। दरौंदा विधानसभा उपचुनाव में जैसे ही एनडीए की तरफ से अजय सिंह का नाम प्रत्याशी के रूप में घोषित किया गया वैसे ही पूर्व सांसद ओमप्रकाश यादव ने अजय सिंह के खिलाफ तेवर अपना लिए। सस्सा-कशी की जाने लगी।
नामांकन के दौरान गले में बीजेपी का गमछा
विरोध ऐसा कि नामांकन के दौरान कर्णजीत सिंह के साथ पूरी भाजपा थी। अजय सिंह के साथ बीजेपी के एक नेता को छोड़कर कोई नही रहा। कर्णजीत सिंह तो नामांकन के दौरान गले में बीजेपी का ही गमछा लिए हुए थे। इसके बाद चुनावी प्रचार में भी जिला बीजेपी के कार्यकर्ता, भाजयूमो जिलाध्यक्ष, सहित कई दिग्गज सोशल मीडिया पर कर्णजीत सिंह के लिए वोट मांगते नजर आए।