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सुशील मोदी बोले- शराब पीकर मरने वाले के परिवार को चार लाख रुपए मुआवजा दे बिहार सरकार

Bihar News बिहार भाजपा के बड़े नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य शराबबंदी कानून काे लेकर बड़ी बात कही है। उन्‍होंने कहा कि 2016 की तरह ही शराब से मरने वालों के परिवार को सरकार की ओर से मुआवजा देना चाहिए।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 10:00 AM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 10:00 AM (IST)
सुशील मोदी बोले- शराब पीकर मरने वाले के परिवार को चार लाख रुपए मुआवजा दे बिहार सरकार
भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और राज्‍यसभा सदस्‍य सुशील मोदी। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार के विभिन्न जिलों में जहरीली शराब पीने से लोगों के मरने की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। पूरे मामले में प्रशासन को दोषियों की पहचान कर तुरंत कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। स्पीडी ट्रायल के जरिए मौत के सौदागरों को फांसी की सजा दिलाई जानी चाहिए। वर्ष 2016 में गोपालगंज के खजूरबन्नी में जहरीली शराब से 19 लोगों की मृत्यु के बाद दोषी पाए गए नौ को फांसी और चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। उन्होंने कहा है कि ऐसी घटना में मृतक के परिवार का कोई दोष नहीं होता, इसलिए सरकार ने उस समय हर आश्रित परिवार को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा दिया था। इस बार भी सरकार को पीड़‍ित आश्रितों को चार-चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का विचार करना चाहिए।

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शराबबंदी को फेल करने पर तुला है विपक्ष : राजीव रंजन

इधर, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि कि यह किसी से छिपा नहीं है कि शराबबंदी के बाद बिहार में कितना परिवर्तन आया है। कानून के लागू होने के बाद न केवल घरेलू हिंसा में कमी आई है, शराब पर खर्च होने वाले पैसे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई व पोषण पर खर्च होने लगे हैं, लेकिन बिहार में आई इस शांति से राजद-कांग्रेस अशांति का शिकार हो गए हैं।

उन्होंने कहा है कि विपक्ष को बिहार को नशे के गर्त में डुबोने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहता है। इनके नेता शराबबंदी को फेल करने में जी-जान से जुटे हुए हैं। राजीव रंजन ने कहा है कि लोगों की माने तो शराब के अवैध व्यवसाय में संलिप्त अधिसंख्य लोग इन्हीं दोनों पार्टियों से जुड़े हुए हैं। इनके दो ही मकसद है, पहला कि इस अवैध धंधे से ज्यादा से ज्यादा कमाई की जाए और दूसरा सरकार को बदनाम करें।


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