सुशील मोदी का आरोप : 'बढ़ चला बिहार'अभियान में सरकारी खर्च पर हुआ जदयू का प्रचार
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा है कि - क्या यह सच नहीं है कि 'बढ़ चला बिहार' के प्रचार अभियान के जरिए सरकारी खर्च पर जदयू का प्रचार किया गया? नीतीश इसका जवाब दें।
पटना। पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी (सुमो) ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि 'बढ़ चला बिहार' अभियान के तहत जन-भागीदारी कार्यक्रम के जरिए तैयार होने वाला विजन डॉक्यूमेंट-2025 का क्या हुआ? इस अभियान के तहत कहां-कहां कार्यक्रम हुए और कितना खर्च हुआ?
क्या यह सच नहीं है कि 'बढ़ चला बिहार' के प्रचार अभियान के जरिए सरकारी खर्च पर जदयू का प्रचार किया गया? सरकार अविलम्ब श्वेत पत्र जारी कर 'बढ़ चला बिहार' अभियान के तमाम तथ्यों का खुलासा करें।
सुमो ने कहा कि जन-भागीदारी कार्यक्रम के जरिए विजन डॉक्यूमेंट-2025 तैयार करने के लिए प्रदेश के 40 हजार गांवों में 400 सुसज्जित प्रचार वाहनों से पर्यवेक्षक, तकनीशियन के साथ सभाएं करनी थी। इसके लिए सिटीजन एलायंस कंपनी को प्रति सभा 2,833 रुपये और नियुक्त पर्यवेक्षक व कर्मी को क्रमश: 30 हजार और 11,756 रुपये प्रति माह की दर से भुगतान करना था।
जन-भागीदारी के अलावा राज्य व जिला स्तर पर गौरव गोष्ठी, बिहार व्याख्यानमाला, जिज्ञासा, राज्य के बाहर प्रवासी बिहारियों के बीच बिहार डेवलपमेंट डायलॉग और संवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित किया जाना था। सरकार स्पष्ट करें कि यह सारे कार्यक्रम कब और कहां हुए व इन पर कितना खर्च आया?
उन्होंने कहा कि क्या यह सच नहीं है कि 20 मई, 2015 को सरकार ने नोएडा, उत्तर प्रदेश की जिस सिटीजन एलायंस प्रा. लि. को 'बढ़ चला बिहार' कार्यक्रम के प्रचार के लिए सूचीबद्ध किया था, उसका निबंधन उसी साल 15 फरवरी को मात्र एक लाख रुपये के शेयर पूंजी के साथ हुआ था?
भाजपा नेता ने कहा भाजपा ने जब इस मामला को उजागर किया कि इतनी छोटी पूंजी वाली एजेंसी को इतनी बड़ी राशि का काम कैसे दे दिया गया तो क्या ढाई महीने बाद 15 जुलाई,2015 को संशोधन करते हुए सिटीजन एलायंस प्रा. लि. के साथ हैदराबाद की जे डब्ल्यू माइंडसेट प्रा. लि. को जोड़ नहीं लिया गया? सरकार बताए कि 'बढ़ चला बिहार' अभियान की पीआर एजेंसी से जदयू का चुनाव प्रचार करने वाली एजेंसी का क्या संबंध था?
भाजपा नेता ने कहा कि हकीकत है कि जिलों में न तो वांछित संख्या में प्रचार वाहन भेजे गए, न उनमें निर्धारित उपकरण लगे, न सभाएं हुई, मगर बाद में मुख्यमंत्री की ओर से जिला जनसम्पर्क पदाधिकारियों पर दबाव बना कर झूठे विपत्रों को सत्यापित करा कर प्रचार एजेंसी सिटीजन एलायंस और पर्यवेक्षकों-कर्मियों को करोड़ों रुपये का भुगतान कराया गया। ऐसे में सरकार अविलम्ब श्वेतपत्र जारी कर 'बढ़ चला बिहार' अभियान के तहत हुए कार्यक्रमों और उस पर हुए खर्च तथा तैयार किए गए विजन डॉक्यूमेंट-2025 का खुलासा करें।