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Sushant Singh Rajput Case: रिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सभी पक्षों से कहा- फाइल करें पहले के फैसलों की नजीर

Sushant Singh Rajput Case सुशांत मामले में रिया चक्रवर्ती की याचिका परसुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। इसमामले में कोर्ट सीबीआइ जांच को लेकर बड़ा फैसला ले सकता है।

By Amit AlokEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 08:58 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 10:17 PM (IST)
Sushant Singh Rajput Case: रिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सभी पक्षों से कहा- फाइल करें पहले के फैसलों की नजीर
Sushant Singh Rajput Case: रिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, सभी पक्षों से कहा- फाइल करें पहले के फैसलों की नजीर

पटना, जेएनएन। Sushant Singh Rajput Case: बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की बीते 14 जून को हुई मौत के मामले में आरोपित उनकी गर्लफ्रेंड व अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) की सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दाखिल याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना है कि रिया के खिलाफ मामले की जांच कौन करेगा। इस मामले में रिया के वकील ने पटना में दर्ज एफआइआर तथा बिहार सरकार की सिफारिश पर हो रही सीबीआद जांच का विरोध किया। साथ ही यह भी कहा कि अगर कोर्ट चाहे तो अपने स्‍तर से जांच का ओदश दे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा कि वे 13 अगस्‍त तक पहले के फैसलों की नजीर दाखिल करें।

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विदित हो कि महाराष्‍ट्र सरकार कह चुकी है कि यह सीबीआइ की जांच का मामला ही नहीं है। बिहार सरकार ने कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में कहा है कि अब यह जांच सीबीआइ कर रही है, इसलिए रिया की याचिका का कोई अर्थ नहीं रहा। सुशांत के पिता भी सीबीआइ जांच के समर्थन में हैं।

रिया के वकील ने वर्तमान सीबीआइ जांच का किया विरोध

सुनवाई के दौरान रिया ने अपने वकील श्‍याम दीवान के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार की सिफारिश पर हो रही सीबीआइ जांच का विरोध किया। हां उन्‍होंने यह भी कहा कि कोर्ट चाहे तो इस मामले की जांच खुद सीबीआइ से करा ले। रिया के वकील ने कहा कि बिहार सरकार ने इस मामले में हस्तक्षेप कर कार्यपालिका के अधिकारों का उल्लंघन किया है। अगर न्यायपालिका चाहे तो हस्तक्षेप करते हुए सीबीआइ जांच का आदेश दे दे। रिया के वकील ने पटना में दर्ज एफआइआर को लेकर कहा कि वहां जीरो एफआइआर की जा सकती थी। पटना में एफआइआर सरकार के दबाव में दर्ज की गई। इस मामले का पटना से कोई लेना-देना नहीं है, न ही पटना पुलिस की जांच उचित थी।

सीबीआइ जांच को लेकर हो सकता अहम फैसला

विदित हो कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सुशांत के पिता केके सिंह द्वारा पटना में दर्ज एफआइआर के खिलाफ मुख्‍य आरोपित रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर उसे मुंबई ट्रांसफर करने की गुहार लगाई है। कोर्ट में रिया के पक्ष का समर्थन महाराष्‍ट्र सरकार ने किया है। जबकि, सुशांत के पिता व बिहार सरकार ने इसका विरोध किया है। इस मामले की पहली सुनवाई बीते पांच अगस्‍त को हुई थी, जिसमें कोर्अ ने सभी पक्षों को तीन दिनों में अपना जवाब देने को कहा था। कोर्ट ने मुंबई व पटना पुलिस की जांच रिपोर्ट भी मांगी थी। सभी पक्षों ने अपने जवाब दाखिल कर दिए हैं। अब आज की सुनवाई में कोर्ट सीबीआइ जांच को लेकर अहम फैसला कर सकता है। इसके लिए मंगलवार को कोर्ट ने सभी पक्षों से अपने-अपने तर्क के समर्थन में पहले के फैसलों की नजीर 13 अगस्‍त तक दाखिल करने को कहा।

हलफनामा में रिया ने कही है ये बात

इस मामले में रिया चक्रवर्ती ने अपने हलफनामाम में मीडिया (Media) पर उनकी छवि को खराब करने की बात भी कही है। उनके अनुसार उन्‍हें मीडिया ट्रायल के तहत उन्‍हें टारगेट किया जा रहा है। रिया ने मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने का आग्रह भी किया है। उन्‍होंने पटना में दर्ज एफआइाआर को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताया है। रिया के अनुसार पटना मे दर्ज एफआइआर के पीछे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस मामले में दिलचस्पी है। उन्‍होंने कहा है कि मामले को सीबीआइ को ट्रांसफर करने के परछे भी राजनीति है। बिहार पुलिस या सीबीआइ को इस मामले की जांच का अधिकार ही नहीं है।

रिया की याचिका का सुशांत के पिता ने किया विरोध

उधर, रिया की याचिका का सुशांत के पिता केके सिंह ने कोर्ट में विरोध किया है। बीते शनिवार को दाखिल अपने हलफनामा में उन्‍होंने कहा कि खुद रिया ने गृह मंत्री अमित शाह से मामले में सीबीआइ जांच का आग्रह कर चुकीं हैं। अब तो सीबीआइ की जांच शुरू भी हो चुकी है। ऐसे में पटना में दर्ज एफआइआर को मुंबई स्थानांतरित करने की बात आधारहीन हो गयी है।

अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर टिकी नजर

बहरहाल, सबों की नजीरें सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पर टिकी है। अब कोर्ट ने सभी पक्षों से अपने-अपने तर्क के समर्थन में पहले के नजीर फैसलों को 13 अगस्‍त तक दाखिल करने को कहा है। इसके बाद कोर्अ आगे की कार्रवाई करेगा।

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