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सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार के नियोजित शिक्षकों के मामले में हो सकता है बड़ा फैसला

सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार के नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन मामले में बड़ा फैसला हो सकता है। इस केस के फैसले पर नियोजित शिक्षकों के साथ शिक्षक संघ की भी नजर टिकी है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 09:37 AM (IST)Updated: Tue, 04 Dec 2018 02:36 PM (IST)
सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार के नियोजित शिक्षकों के मामले में हो सकता है बड़ा फैसला
सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार के नियोजित शिक्षकों के मामले में हो सकता है बड़ा फैसला

पटना [जेएनएन]। सुप्रीम कोर्ट आज बिहार के 3.7 लाख नियोजित शिक्षकों के समान काम समान वेतन मामले में फैसला सुना सकती है। जानकारी के अनुसार काफी लंबी अवधि से चल रहे इस मामले पर कोर्ट में इस केस की लिस्टिंग कर ली गयी है और फैसले सुनाने के लिए आज की तारीख तय की गयी है।

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बता दें कि बिहार के नियोजित शिक्षकों को लंबे समय से समान काम समान वेतन के फैसले का इंतजार है। लेकिन, लंबे समय से चल रही इस मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट के द्वारा अभी तक फैसले की कोई भी ऐसी तारीख निर्धारित नहीं की गयी थी। लेकिन, अब उम्मीद जगी है कि आज कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है।

आज इस मामले की सुनवाई जस्टिस अभय मनोहर सप्रे और जस्टिस यू यू ललित की बेंच में होगी जिसमें कोर्ट तमाम बिंदुओं पर गौर करने के बाद इस मामले में फैसला सुना सकती है। अब सबकी निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। इस मामले में कॉज लिस्ट अभी जारी नहीं किया गया है।

बता दें कि 31 अक्टूबर 2017 को  पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए नियोजित शिक्षकों के पक्ष में आदेश दिया था और कहा था कि नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों के बराबर वेतन दिया जाए। लेकिन, कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार सरकार ने घोषणा कर दी थी कि वो इस फैसले के खिलाफ सप्रीम कोर्ट जायेगी। 

राज्य सरकार की ओर से इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई थी।

बिहार सरकार की दलील है कि इस आदेश से उस पर करीब 9500 करोड़ रुपए का आर्थिक बोझ पड़ेगा क्योंकि

राज्य में लगभग चार लाख नियोजित शिक्षक हैं। एेसे में अगर फैसला शिक्षकों के पक्ष में आता है तो उनकी सैैलेरी करीब 35 से 40 हजार हो जाएगी।

सरकार के हलफनामे में कहा गया कि नियोजित शिक्षकों को समान कार्य के लिए समान वेतन नहीं दिया जा सकता है। कोर्ट में पूर्व में सौंपी गई रिपोर्ट में सरकार ने यह कहा है कि वह प्रदेश के नियोजित शिक्षकों को महज 20 फीसद की वेतन वृद्धि दे सकती है। बिहार सरकार की दलील को केंद्र सरकार ने सही ठहराया है। गौरतलब है कि नियोजित शिक्षकों के वेतन का 70 फीसद राशि केंद्र सरकार को ही देना है।

इधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षक संघों में भी फैसले को लेकर खासी गहमागहमी देखी जा रही है। इस फैसले को लेकर राज्य के नियोजित शिक्षकों की निगाहें टिकी है। बिहार माध्ममिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय और महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने उम्मीद जताई है कि फैसला नियोजित शिक्षकों के हक में आएगा।


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