Move to Jagran APP

पटना में सुप्रीम कोर्ट के जज बोले- न्‍यायाधीशों को वकीलों और वादियों से करना चाहिए विनम्र व्‍यवहार

बिहार न्यायिक अकादमी (Bihar Judicial Academy) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रविवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एम आर शाह (Supreme Court Justice MR Shah) ने 30वें बैच के 337 सिविल न्यायाधीशों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 09:35 AM (IST)
पटना में सुप्रीम कोर्ट के जज बोले- न्‍यायाधीशों को वकीलों और वादियों से करना चाहिए विनम्र व्‍यवहार
दीप प्रज्‍वलित करते सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश  एमआर शाह, पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व अन्य। जागरण

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार न्यायिक अकादमी (Bihar Judicial Academy) द्वारा आयोजित कार्यक्रम में रविवार को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एम आर शाह (Supreme Court Justice MR Shah) ने 30वें बैच के 337 सिविल न्यायाधीशों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। न्यायाधीशों को लोगों की सेवा के लिए हर समय समर्पित रहना चाहिए। कार्यक्रम में पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजय करोल, न्यायाधीश राजन गुप्ता, न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह के साथ अन्य कई न्यायाधीश भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई। उसके बाद अधिकारियों ने सरस्वती की वंदना की। 

loksabha election banner

अच्‍छे न्‍यायाधीश की विशेषताएं बताईं

न्यायमूर्ति एमआर शाह ने अच्छे न्यायाधीश की विशेषताओं के बारे में बताया। उन्होंने युवा अधिकारियों को याद दिलाया कि ईमानदारी, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, सहानुभूति और कार्य के प्रति पूर्ण समर्पण एक अच्छे न्यायाधीश की पहचान है। इस दौरान न्यायाधीश एमआर शाह ने व्यक्तिगत रूप से बिहार न्यायिक सेवा के 30वें बैच के 337 सिविल न्यायाधीशों से मुलाकात की और उन्हें समाज को अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि एक न्यायाधीश को हमेशा विनम्र होना चाहिए। अधिवक्ताओं और वादियों के साथ उचित व्यवहार करना चाहिए। 

आम जनता में विश्‍वास पैदा करना जरूरी 

उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) और बिहार के लोगों को उनसे बहुत उम्मीदें हैं। न्यायाधीश राजन गुप्ता ने कहा कि केवल लंबित मामलों के आंकड़ों को शामिल करने के लिए जल्दबाजी में कानून की उचित प्रक्रिया से समझौता नहीं किया जा सकता। आम जनता में विश्वास पैदा करने के लिए कानून की उचित प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। न्यायाधीश अश्विनी कुमार सिंह ने युवा न्यायाधीशों से कहा कि वे एक व्यक्ति के रूप में विकसित होते रहें और अपने ज्ञान को स्थिर न होने दें। इस अवसर पर अन्‍य वक्‍ताओं ने भी विचार रखे। अपने बीच इन न्‍यायाधीशों को पाकर सिविल जजों में काफी खुशी देखी गई। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.