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वकील कोटे से जजों की नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट प्रशासन तलब, केंद्र को भी नोटिस

वकील कोटे से जज बनाए जाने के एक मामले में पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट प्रशासन एवं केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा है।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Fri, 27 Sep 2019 09:20 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 10:20 PM (IST)
वकील कोटे से जजों की नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट प्रशासन तलब, केंद्र को भी नोटिस
वकील कोटे से जजों की नियुक्ति के मामले में हाईकोर्ट प्रशासन तलब, केंद्र को भी नोटिस

पटना, राज्य ब्यूरो। वकील कोटे से जज बनाए जाने के एक मामले में पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पटना हाईकोर्ट प्रशासन एवं केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने को कहा है। मामले पर अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी। अधिवक्ता दिनेश ने वकील कोटे से 15 लोगों का नाम भेजे जाने पर कड़ी आपत्ति की थी। उन्होंने हाईकोर्ट कॉलेजियम पर मनमानी का आरोप लगाते हुए भेजे गए नामों को जज नहीं बनाये जाने की मांग की थी।

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इस पर न्यायाधीश शिवाजी पाण्डेय की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि नियुक्ति की अनुशंसा पर तत्काल कुछ टिप्पणी करना सही नहीं होगा। जबकि अधिवक्ता दिनेश का कहना था कि बिना व्यापक विचार-विमर्श और पारदर्शिता अपनाए वकील को जज बनाना गलत होगा। जो नाम भेजे गए हैं उसमे भाई भतीजावाद, जातिवाद जैसे अनेक कमियां हैं उन्हें ही जज बनाया जाना चाहिए जो कि सुप्रीम कोर्ट की मेमोरेंडम ऑफ प्रोसीजर (एमओपी ) में दर्ज हैं।

अधिवक्ता ने कॉलेजियम के अनुशंसा पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि संविधान सभा ने जिस उद्देश्यों की पूर्ति के लिए संविधान बनाया कॉलेजियम ने ठीक उसके विपरीत काम किया। हालांकि इसके पूर्व खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा था कि यह याचिका कैसे सुनवाई योग्य है। इस पर अधिवक्ता ने लंबी बहस की। इस मामले पर अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी।


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