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ऐसे थे राष्‍ट्रकवि दिनकर, जहां खुद पढ़े, उस पटना विश्‍वविद्यालय में होती है उनकी रचनाओं की पढ़ाई

Ramdhari Singh Dinkar Birth Anniversary रेणुका उर्वशी व कुरुक्षेत्र से हर दिन होती दिनकर की पुकार। 1928-32 तक पटना कालेज में इतिहास विषय में स्नातक के छात्र थे दिनकर। पटना व पाटलिपुत्र विवि में दशकों से हो रही उनकी रचनाओं की पढ़ाई ----------

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 09:23 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 09:23 AM (IST)
ऐसे थे राष्‍ट्रकवि दिनकर, जहां खुद पढ़े, उस पटना विश्‍वविद्यालय में होती है उनकी रचनाओं की पढ़ाई
राष्‍ट्रकवि रामधारी सिंह दिन की जयंती आज। फाइल फोटो

पटना, जागरण संवाददाता। Ramdhari Singh Dinkar Birth Anniversary: राष्‍ट्र आज अपने राष्‍ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्‍मदिन मना रहा  है। जिनकी रचनाओं को पढ़ने से रग-रग फड़क उठे ऐसे कवि की रचनाएं पढ़ी जा रही हैं। खास बात यह कि जिस पटना विश्‍वविद्यालय के छात्र दिनकर रहे, वहां भी उनकी रचनाओं को पढ़ाया जा रहा है। शांति नहीं तब तक जब तक, सुख- भाग न नर का सम हो, नहीं किसी को बहुत अधिक हो, नहीं किसी को कम हो।  राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना कुरुक्षेत्र की इन पंक्तियों को पाटलिपुत्र विश्‍वविद्यालय के कालेजों में हिंदी विषय से स्नातक करने वाले छात्र एक बार पढ़ने के बाद कई बार जरूर दोहराते हैं। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में रामधारी सिंह दिनकर की उर्वशी व कुरुक्षेत्र तथा पटना विश्‍वविद्यालय में उर्वशी एवं रेणुका  की पढ़ाई कराई जाती है। 

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संस्‍कृति के चार अध्‍याय पढ़ाने की चाहत 

कालेज आफ कामर्स में पढ़ा रहे हिंदी के प्राध्यापक प्रो. विनोद कुमार मंगलम ने बताया कि वे 26 वर्षों से राष्ट्र कवि दिनकर को यूजी और पीजी दोनों में पढ़ा रहे हैं। आने वाले दिनों में यह जरूर इच्छा है कि उनकी महान रचना संस्कृति के चार अध्याय को पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग में बच्चों को पढ़ाया जाए। पाटलिपुत्र विवि में पीजी द्वितीय सेमेस्टर के पंचम पत्र में  उर्वशी एवं स्नातक दूसरे वर्ष में  कुरुक्षेत्र की पढ़ाई हो रही है। 

गर्व होता है कि राष्‍ट्रकवि इसी विवि के छात्र थे

पटना विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. तरुण कुमार ने बताया कि सभी को गर्व होता है कि राष्ट्रकवि पटना विश्‍वविद्यालय के छात्र थे। वर्ष 1928 में वे पटना कालेज से हिंदी में स्नातक करने आए थे। तब हिंदी में स्नातक की पढ़ाई नहीं होती थी। उनके लिए विभाग स्तर पर भी वार्ता हुई थी। लेकिन, दाखिला नहीं हुआ था। इसके बाद उन्होंने इतिहास से स्नातक किया। हालांकि उनके जाने तक पटना कालेज में हिंदी स्नातक की पढ़ाई आरंभ हो गई थी। बताया कि पीजी तृतीय सेमेस्टर में उर्वशी एवं स्नातक प्रथम वर्ष में रेणुका की पढ़ाई होती है। उन्होंने बताया कि दिनकर रचनावली के नौ गद्य खंड के संपादन का उन्हें सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 


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