राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों की सुरक्षा करेगा सब इंस्पेक्टर 'ब्रावो'
'ब्रावो' से जब ट्रेन की जांच कराई गई तो वह विस्फोटक के पास पहुंचते ही एक कोने में जाकर बैठ गया। जब उसके इशारे पर बैग को हटाया गया तब जाकर वह वहां से हटा।
पटना [जेएनएन]। रेलवे ने राजेंद्रनगर से नई दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस के यात्रियों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी सब इंस्पेक्टर 'ब्रावो' को सौंप दी है। नए सब इंस्पेक्टर ने शनिवार से ही अपनी सेवा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को देनी शुरू कर दी है।
पहले ही दिन 'ब्रावो' ने राजधानी एक्सप्रेस में अपनी सेवा देनी शुरू भी कर दी है। आरपीएफ की ओर से ट्रेन के एक बोगी में विस्फोटक का टुकड़ा डालकर बैग को छिपा दिया गया था। 'ब्रावो' से जब ट्रेन की जांच कराई गई तो वह विस्फोटक के पास पहुंचते ही एक कोने में जाकर बैठ गया। उसे लाख हटाने की कोशिश की गई परंतु वह टस से मस नहीं हुआ। जब उसके इशारे पर बैग को हटाया गया तब जाकर वह वहां से हटा। 'ब्रावो' को यही प्रशिक्षण दिया गया है।
पडनूर डॉग ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण लेकर लौटा है 'ब्रावो'
'ब्रावो' एक स्निफर डॉग है जो तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले के पडनूर श्वान प्रशिक्षण केंद्र से नौ माह का प्रशिक्षण लेकर शुक्रवार को ही वापस लौटा है। इसकी खासियत है कि यह ट्रेन की बोगी अथवा प्लेटफॉर्म पर किसी बैग में रखे विस्फोटक को सूंघकर ही बता देता है कि इस बैग में विस्फोटक है या नहीं।
सब इंस्पेक्टर की रैंक से शुरू की नौकरी
'ब्रावो' अभी एक वर्ष का ही है। पूरे एक साल तक इसकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट देखी जाएगी। परफार्मेंस ठीक रहने पर अगले साल इसी माह उसे इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नति दे दी जाएगी। सेवानिवृत्ति आयु 12 वर्ष है। सेवा काल के अंत तक वह डिप्टी सीएससी अथवा सीएससी तक के पद पर प्रोन्नति पा सकता है।
विस्फोटक मिलते ही कूं..कूं..की आवाज निकालता है
हाल के दिनों में आतंकियों द्वारा विस्फोटक में इस तरह का आइईडी लगाया जा रहा है जो कुत्ते के भंूकने की आवाज पर विस्फोट कर जा रहा है। इसी कारण 'ब्रावो' को इस तरह का प्रशिक्षण दिया गया है कि वह विस्फोटक को सूंघते ही चुपचाप एक कोने में बैठकर 'कूं..कूं' की आवाज निकालने लगता है।
हैदराबाद का रहने वाला है 'ब्रावो'
'ब्रावो' लैब्राडोर नस्ल का कुत्ता है। हैदराबाद का रहने वाला है। आरपीएफ के अधिकारी ने काफी छानबीन कर इसके पूर्वजों का पता कर उस समय खरीदने के लिए बुक किया था जब वह गर्भ में ही पल रहा था। इसकी मां को वही डायट दी जा रही थी जो प्रशिक्षण संस्थान की ओर से बताई गई थी। जन्म के दो माह बाद ही आरपीएफ इसे 32 हजार रुपये में खरीदकर अपने साथ ले आई थी। एक माह रखने के बाद इसे प्रशिक्षण केन्द्र भेज दिया गया था। उसके साथ मुख्य हैंडलर एवं सहायक हैंडलर को भी प्रशिक्षण दिया गया है।
दानापुर मंडल में फिलहाल श्वान दस्ता नहीं था। सुरक्षा के लिए यह आवश्यक था। फिर से इस दस्ते को बनाया गया है। पहला स्निफर 'ब्रावो' को इस स्क्वायड में शामिल किया गया है। तीन और स्निफर डॉग अगले छह माह के अंदर लाए जाएंगे। इससे राजधानी समेत अन्य प्रमुख स्टेशनों की सुरक्षा में लगाया जाएगा। ये बहुत ही ट्रेंड स्निफर हैं।
- चन्द्रमोहन मिश्र, वरीय मंडल सुरक्षा आयुक्त, दानापुर।