बिहार की सभी यूनिवर्सिटी में खुलेगा महिलाओं के लिए स्टडी सेंटर, जानें क्या है मामला
बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में यूजीसी की मदद से कॉलेजों में महिलाओं के लिए एक-एक स्टडी सेंटर खोला जाएगा। यूजीसी ने राज्यपाल लालजी टंडन के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है।
पटना [दीनानाथ साहनी]। बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में यूजीसी की मदद से कॉलेजों में महिलाओं के लिए एक-एक स्टडी सेंटर खोला जाएगा। यूजीसी ने राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन के इससे संबंधित प्रस्ताव पर सहमति दी है। यूजीसी से ऐसे सेंटर को चलाने के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय को हर साल 35 लाख और कॉलेज को 25 लाख मिलेंगे।
पहले चरण में 60 सेंटर खोले जाएंगे
प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए कुलाधिपति कार्यालय ने पिछले साल एक प्रस्ताव विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) को भेजा था। कुलाधिपति कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक ऐसे सेंटर देश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी खोले जाएंगे। बिहार में यूजीसी के फैसले के मुताबिक पहले चरण में 60 स्टडी सेंटर खोले जाएंगे। यहां महिलाओं को आगे बढ़ाने वाले नए-नए कोर्स शुरू होंगे, ताकि वह आगे चलकर आत्मनिर्भर बन सकें।
जल्द होगा कॉलेजों का चयन
कुलाधिपति कार्यालय के सूत्रों के मुताबिक यूजीसी ने स्टडी सेंटर को लेकर एक गाइडलाइन भी जारी की है, जिसके तहत महिला सेंटर चलाने वाले विश्वविद्यालय को हर साल 35 लाख रुपये और कॉलेज को 25 लाख रुपये की अतिरिक्त मदद दी जाएगी। इस योजना के तहत राज्य में ऐसे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की पहचान भी जल्द की जाएगी, जो इसे लेकर अच्छा काम कर सकते हैं।
ऐसे संचालित होंगे सेंटर
राज्य के विश्वविद्यालय मुख्यालयों में खोले जाने वाले वीमेन स्टडी सेंटर के मुखिया कुलपति होंगे, जबकि इसकी संचालन कमेटी में बतौर सदस्य राज्य सरकार की कोई एक महिला मंत्री, महिलाओं के विकास के लिए काम करने वाली दो प्रमुख संस्थाओं के प्रतिनिधि, दो प्रोफेसर, महिला स्टडी में रुचि रखने वाली दो महिला विशेषज्ञ और एक इंचार्ज अफसर भी होंगे। इसी तरह कॉलेज स्तर पर स्थापित होने वाले सेंटर के मुखिया प्राचार्य होंगे। इसके अलावा इस टीम में महिला संस्थानों के दो प्रतिनिधि और कोई दो शिक्षक होंगे। संचालन समिति में कुल आठ से अधिक सदस्य नहीं होंगे। केंद्र का संचालन इसी कमेटी के जिम्मे होगा।
वंचित महिलाओं को आगे बढ़ाने पर होगा फोकस
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यूजीसी की गाइडलाइन के तहत अध्ययन केंद्रों का मुख्य फोकस वंचित महिलाओं को आगे बढ़ाने पर होगा। इनमें दिव्यांग, बेघर, अशिक्षित, बीमार और बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल होंगी। इसके अलावा वह इन सभी के उत्थान को लेकर एक खास कोर्स भी तैयार करेंगे। ऐसी महिलाओं को रोजगार से जोडऩे की दिशा में भी काम किया जाएगा। इनमें इन्हें लोन दिलाने में भी मदद दी जाएगी। इसके अलावा महिलाओं के सशक्तीकरण को लेकर शोध भी होंगे। साथ ही ऐसी योजनाओं की रूपरेखा भी खींची जाएगी, जिससे समाज में विकास की मुख्य धारा से पीछे इन महिलाओं को आगे बढ़ाया जा सके।