प्रोफेशनल स्किल से जुड़े शिक्षा, युवाओं को नौकरी दे सरकार
पटना विश्वविद्यालय का साइंस कॉलेज प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान रहा है
पटना। पटना विश्वविद्यालय का साइंस कॉलेज प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान रहा है। कभी इसकी ख्याति पूरे बिहार में हुआ करती थी। यहां से पढ़ने वाले छात्र देश-विदेश में प्रतिष्ठित जगहों पर काबिज हैं। दूसरी तरफ यह कॉलेज बदलते वक्त की जरूरतों के मुताबिक खुद को नहीं बदल पाया। यहां कई सारी कमियां हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए। जरूरत के मुताबिक अध्यापक नहीं हैं। शोध और शिक्षा की गुणवत्ता अपटूडेट नहीं हो सकी है। परीक्षा का परिणाम समय पर नहीं आता है। इससे छात्रों को परेशानी होती है। प्रदेश की नई सरकार से इस कॉलेज के छात्र-छात्राओं को काफी उम्मीदें हैं। इस विधानसभा चुनाव से हमारी यही अपेक्षा है कि अच्छी शिक्षा और रोजगार मिले। पारंपरिक कोर्स से छात्र प्रोफेशनल स्किल नहीं ले पा रहे हैं। साधारण ग्रेजुएट होने के बाद जब छात्र किसी भी फील्ड में जाते हैं तो उन्हें नौकरी मिलने में परेशानी होती है। अतिरिक्त गतिविधि कॉलेज में नहीं होती है। उस तरह की एकेडमी नहीं है।
- रोहन कुमार, छात्र, पटना साइंस कॉलेज कॉलेज की शिक्षा को और भी बेहतर किया जाना चाहिए। शुरू से जो चलती आ रही है, वो पारंपरिक शिक्षा है। छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए। छात्रों को ऐसी शिक्षा मिलनी चाहिए, जिससे उन्हें रोजगार मिलने में ज्यादा आसानी हो। जनसंख्या नियोजन पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए। जनसंख्या पर नियंत्रण कर लिया गया,तो जॉब की कमी भी दूर होगी।
-कन्हैया सिंह, छात्र, पटना साइंस कॉलेज विश्वविद्यालय को समय पर परीक्षाओं के रिजल्ट निकालने चाहिए। जितनी नौकरी आनी चाहिए, उतनी नहीं आ रही है। रिक्त पदों के लिए बहाली लेने में सरकार गंभीर नहीं है। पढ़ाई पूरी करने के बाद युवाओं को नौकरी चाहिए। जो लोग जीतकर जाते हैं वे मुद्दों को सिर्फ चर्चा तक सीमित रखते हैं। जो भी जीतकर आये वो छात्रों के मुद्दों पर भी काम करें।
- आशुतोष, छात्र, पटना साइंस कॉलेज पटना विश्वविद्यालय के छात्र विधानसभा चुनाव से बहुत उम्मीद रखे हुए हैं। इस विश्वविद्यालय से कई छात्र निकले जो बड़े नेता बने हैं। वो पटना विश्वविद्यालय पर ध्यान नहीं दिये, इसका नतीजा यह है कि होस्टल के कमरे जर्जर हो चुके हैं। कॉलेज में शिक्षक और कर्मी की भी कमी है। शिक्षा के फंड में कमी होती जा रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा का फंड तीन फीसद पर आ गया है।
- विक्की कुमार, छात्र, पटना साइंस कॉलेज इस विधानसभा चुनाव में सरकार चाहे किसी की भी बने, छात्र हित में भी काम होना चाहिए। पटना विश्वविद्यालय से कई ऐसे छात्र निकले हैं, जो आज बड़े राजनीतिज्ञ हैं। इस विश्वविद्यालय का गौरवशाली इतिहास रहा है। यहां पर्याप्त प्रोफेसर नहीं हैं। मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। मेस भी नहीं है।
-अविनाश कुमार, छात्र, पटना साइंस कॉलेज इस बार के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा छात्रों का मुद्दा है। यहां से कई ऐसे छात्र पढ़कर निकले हैं, जो राजनीति में सक्रिय हैं। लेकिन कोई पटना विश्वविद्यालय को देखने तक नहीं आता है। यहां पर प्रोफेसर की कमी है। गेस्ट फैकल्टी जो प्रोफेसर आते हैं, उन्हें पढ़ाने का सही तरीका नहीं पता है। लैब में भी अच्छी व्यवस्था नहीं है।
- रौशन कुमार, छात्र, पटना साइंस कॉलेज