बिहार में नई अंशदायी पेंशन योजना के दायरे में आए राज्यकर्मी, वित्त विभाग ने जारी की अधिसूचना
वित्त विभाग ने गुरुवार को इसे अधिसूचित कर दिया है। वित्त सचिव(संसाधन) लोकेश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया है एक सितम्बर 2005 से नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारी नई अंशदायी पेंशन योजना से जुड़ गए हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना: एक सितम्बर 2005 को या उसके बाद नियुक्त हुए सभी सरकारी कर्मी नई पेंशन योजना के दायरे में आ गए हैं। हालांकि व्यवहार में यह पहले से लागू था। लेकिन, नियमावली नहीं बनी थी। वित्त विभाग ने गुरुवार को इसे अधिसूचित कर दिया है। वित्त सचिव (संसाधन) लोकेश कुमार सिंह के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना में कहा गया है एक सितम्बर 2005 से नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारी नई अंशदायी पेंशन योजना से जुड़ गए हैं। यह राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नाम से जानी जाएगी। इधर, एक कर्मचारी संगठन ने सरकार की पहल का विरोध किया है।
- - वित्त विभाग की अधिसूचना जारी
- - सितम्बर 2005 के बाद बहाल कर्मियों पर पड़ेगा असर
- - कर्मचारी संगठन ने किया विरोध
- - राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के नाम से जानी जाएगी
- - व्यवहार में यह पहले से लागू था
- एक सितम्बर 2005 के बाद नियुक्त कर्मी आएंगे दायरे में
सरकारी सेवकों के बदले बाजार का हितों का ध्यान
नेशनल मूवमेंट फार ओल्ड पेंशन स्कीम की बिहार इकाई के अध्यक्ष बरुण कुमार पांडेय ने कहा कि नई पेंशन योजना का विरोध किया जाना चाहिए। सरकारी सेवकों के लिए यह दिवा स्वप्न से अधिक कुछ नहीं है। इसमें पेंशन जैसी कोई बात नहीं है। इस योजना में सरकारी सेवकों के बदले बाजार का हितों का ध्यान रखा गया है।
शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित है योजना
यह योजना शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव पर आधारित है। इसमें कर्मियों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन योजना में कर्मियों के वेतन से किसी तरह की कटौती नहीं की जाती है। सेवा निवृत्ति के बाद मूल वेतन का 50 फीसद हिस्सा पेंशन के तौर पर मिलने की गारंटी है। नई पेंशन योजना में इस तरह की सुरक्षा का कोई प्रविधान नहीं है। फिलहाल एक सितम्बर 2005 को या उसके बाद नियुक्त हुए सभी सरकारी कर्मी नई पेंशन योजना के दायरे में आ गए हैं।