बिहार की सबसे बड़ी समस्या का निकला उपाय, मैथेमेटिकल माडलिंग सेंटर कम करेगा बाढ़ से नुकसान
मैथेमेटिकल माडलिंग सेंटर और फिजिकल माडलिंग सेंटर वीरपुर का बाढ़ के प्रभाव को कम करने और कटाव को रोकने कारगर साबित होगा। आने वाले दिनों में दोनों संस्थाओं की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इससे राज्य की सबसे बड़ी समस्या दूर होगी।
राज्य ब्यूरो, पटना: जल संसाधन विभाग द्वारा बनाए गए मैथेमेटिकल माडलिंग सेंटर और फिजिकल माडलिंग सेंटर, वीरपुर का बाढ़ के प्रभाव को कम करने और कटाव को रोकने कारगर साबित होगा। आने वाले दिनों में दोनों संस्थाओं की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उक्त बातें शक्रवार को जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव हंस ने विभाग के अभियंताओं के लिए आयोजित विशेष कार्यशाला में कहीं। कार्यशाला का आयोजन जल संसाधन विभाग की संस्था बाढ़ प्रबंधन सुधार सहायता केंद्र, पटना (एफएमआइएससी) द्वारा दरभंगा में किया गया। इसमें देश-विदेश के विशेषज्ञों ने मैथेमेटिकल माडलिंग सेंटर की सफलता, क्षमता और सतत संचालन के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए।
हंस ने कहा कि एफएमआइएससी द्वारा नियमित रूप से जारी किए जाने वाले आंकड़ों का इस्तेमाल करते हुए हमें बाढ़ प्रबंधन के नए तरीकों के बारे में सोचना चाहिए, ताकि बाढ़ से नुकसान को कम-से-कम किया जा सके। जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख, मुख्यालय, रविंद्र शंकर ने कहा कि अभी बिहार की नदियों पर स्थित 38 स्थलों पर नियमित रूप से जलस्तर नोट किया जा रहा है। अगले तीन दिनों का सटीक पूर्वानुमान जारी किया जा रहा है। मैथेमेटिकल माडलिंग सेंटर द्वारा इन आंकड़ों के विश्लेषण के साथ-साथ नदियों के रूपात्मक अध्ययन और गाद नियंत्रण से संबंधित अध्ययन भी किया जा रहा है।
व्यापक नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण होगी भूमिका
मैथेमेटिकल माडलिंग सेंटर के निदेशक सरोज कुमार वर्मा ने संस्था की भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला में बांग्लादेश से आनलाइन जुड़े विशेषज्ञ अबू सलेह खान ने कहा कि बिहार में हर साल बाढ़ से होने वाले व्यापक नुकसान को कम करने में मैथेमेटिकल माडलिंग सेंटर, पटना की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस सेंटर में विश्वस्तरीय संस्था बनने की पूरी क्षमता है। कार्यशाला को इंग्लैंड से जुड़े विशेषज्ञ डा. इकबाल हसन, इंस्टीट्यूट आफ वाटर माडलिंग बांग्लादेश के विशेषज्ञ तरुण कांति मजूमदार, बिहार से जुड़े सुदीप्त कुमार होर और ग्रेमैटर्स कम्युनिकेशंस के डायरेक्टर डा. नवनीत आनंद ने भी संबोधित किया। एक दिवसीय कार्यशाला में जल संसाधन विभाग के पूरे राज्य के करीब सौ अभियंताओं ने भाग लिया।