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निर्भया कांड: सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा- भगवान के घर देर है अंधेर नहीं

निर्भया दुष्कर्म कांड में आज सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के फैसले को बरकरार रखा है इससे सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद कहने की होड़ लगी है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 05 May 2017 05:26 PM (IST)Updated: Fri, 05 May 2017 11:40 PM (IST)
निर्भया कांड: सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा- भगवान के घर देर है अंधेर नहीं
निर्भया कांड: सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा- भगवान के घर देर है अंधेर नहीं

 पटना [काजल]। निर्भया दुष्कर्म कांड पर आज सुप्रीम कोर्ट ने चार आरोपितों की फांसी की सजा को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने साकेत कोर्ट की फांसी की सजा को बरकरार रखते हुए एक फिजियोथेरेपी की छात्रा से दुष्कर्म की हैवानियत को पार करते हुए उसकी हत्या के आरोप में उन्हें सजा में किसी भी तरह की सहूलियत देने से इंकार कर दिया है।

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निर्भया दुष्कर्म कांड की पूरी देश में कड़ी निंदा हुई थी और किसी लड़की के साथ हुई एेसी हैवानियत की घटना से पूरे देश के लोगों का खून खौल उठा था। निर्भया के माता-पिता के कलेजे को आज ठंडक मिली होगी कि उसकी बेटी के साथ इस देश के न्यायालय ने अपनी पारदर्शिता को साबित किया है और आरोपियों को अब फांसी की सजा से कोई नहीं बचा सकता। 

16 दिसंबर 2012 की रात की घटना के बाद जब सुबह लोगों की आंखें खुलीं तो सभी टीवी चैनल्स और अखबारों की सुर्खियां देखकर जनमानस में जबर्दस्त आक्रोश दिखा था। सभी घायल निर्भया के ठीक होने उसके होश में आने की खबर सुनने को बेताब थे। सबकी नजरें टीवी पर गड़ी हुई थीं। लेकिन निर्भया उन हैवानों की हैवानियत नहीं झेल पायी और उसकी मौत हो गयी।

उसकी मौत की खबर सुनकर सोशल मीडिया, अखबार और टीवी चैनल्स से यह खबर देश सहित विदेशों में भी गूंजता रहा। उसकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थनाएं हुईं। उसके आरोपितों को सजा दिलाने के लिए लोगों ने पुलिस विभाग को हिलाकर रख दिया था।

सोशल मीडिया पर यह खबर बहुत दिनों तक छायी रही। आज का दिन जब देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह फैसला दिया है तो आज सोशल मीडिया पर एक सुर में आवाज गूंज रही--भगवान के घर देर है अंधेर नहीं।

निर्भया की मां ने खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि मेरी बेटी को न्याय मिला है। आज मैं बहुत खुश हूं। वहीं निर्भया के पिता ने कहा कि देर लगी लेकिन आखिर न्याय मिला है मेरी बेटी को। 

किरण बेदी ने कहा कि न्याय आखिर मिल ही गया, अब सबकुछ साफ है और अब आरोपियों को सजा मिलेगी ही। वहीं केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि आरोपियों की सजा सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखी है और जल्द ही उनके लिए जो सजा मुकर्रर है वो उन्हें दी जाएगी।

जस्टिस भानुमती ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही यह सिखाना चाहिए कि वो औरतों की इज्जत करें। 

फेसबुक पर भी निर्भया मामले में लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। 

पटना की जानी-मानी हस्ती सुहेली मेहता ने अपने वॉल पर लिखा है कि निर्भया के दोषियों के लिए सजा-ए-मौत बरकरार है..

जिन दरिंदों को अब तक फांसी लग जानी चाहिए थी, उनके मौत की सजा के बरकरार रहने से सुकून भर मिलता है..लगता है चलो बेटियां सुरक्षित महसूस करेंगी। बहुत आश्चर्य की बात नही है यह "सुकून" महसूस करना ...क्या ठिकाना कानून की चलन ने तो जघन्य अपराधियों को भी जमानत पर रिहा कर दिया है

खैर चलिये सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने भारत माँ की लाज तो बचाई है.अत्यधिक केस के दबाब के कारण ऐसे फैसले में देरी न हो इसलिए भारत मे महिला अत्याचार पर फैसले केलिए अलग से कोर्ट होने चाहिए।

शेफाली वैद्य ने ट्वीट किया है कि बलात्कारियों को एक ही सजा मिलनी चाहिए, फांसी। उनके लिए कोई दया नहीं होनी चाहिए। वहीं प्रिया पाठक ने लिखा है कि इस फैसले से लोगों को न्याय पर भरोसा बढ़ा है। शालिनी ने लिखा है कि एेेसे दरिंदों को बस फांसी ही मिलनी चाहिए इनके लिए दया जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए।

मंजुला सिंह ने लिखा है कि दोषियों को सज़ा मिली,पर सोचने की बात है कि सजा हत्या के लिए दी गयी,न कि बलात्कार के लिए।

आशीष राकेश शर्मा ने ट्वीट में लिखा है कि निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने देश की सभी बेटियों की भावनाओं के साथ न्याय किया, व उन्हे निर्भय होकर जीने का संदेश भी दिया।

योगेश गुप्ता ने ट्वीट किया है कि जय हो भारत की न्यायपालिका, आखिर उन दुर्दांत कुकर्मी कीड़ों को उनके अंजाम तक पहुँचाया। निर्भया, ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दे।

गगन कुमार सोनी ने लिखा है कि निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट का अपराधियों की फाँसी की सजा बरकरार रखने का फैसला  मिसाल है, विकृत मानसिकता के लोगों के लिए सबक है।

दिनेश चावला ने लिखा है कि-भगवान के घर देर है अंधेर नहीं!! निर्भया, भगवान आपकी आत्मा को शांति दे और आपको अपने चरणों में जगह दे।

हनी रैना ने लिखा कि हम सवागत करते हैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जो निर्भया केस में फांसी की सजा को बरकरार रखा है, इस तरह के फैसले से सारा भारत खुश है ।


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