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यूपी से बिहार आ रहे छह 'मुन्‍ना भाई' नालंदा में गिरफ्तार, UPTET के लिए लाख-लाख रुपये में हुई थी डील

यूपी में दूसरे की जगह परीक्षा दे गोरखपुर से लौट रहे छह युवक बिहार में गिरफ्तार। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा देकर एक ही गाड़ी से लौट रहे थे सभी। शराब मिलने पर खुली पोल।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 09:48 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 10:14 PM (IST)
यूपी से बिहार आ रहे छह 'मुन्‍ना भाई' नालंदा में गिरफ्तार, UPTET के लिए लाख-लाख रुपये में हुई थी डील
यूपी से बिहार आ रहे छह 'मुन्‍ना भाई' नालंदा में गिरफ्तार, UPTET के लिए लाख-लाख रुपये में हुई थी डील

नालंदा, जेएनएन। उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा में दूसरे के बदले परीक्षा देने वाले गिरोह के सरगना सहित छह युवकों को बिहार थाने की पुलिस ने बिहारशरीफ के एतवारी बाजार मोड़ से गिरफ्तार किया। पकड़े गए लोगों में एक ड्राइवर भी है। पकड़े गए पांच सॉल्वरों में दो नालंदा जिले के बाशिंदे हैं। बताया जाता है कि डीएसपी इमरान परवेज ने बताया कि परीक्षा में बैठने के बदलेे प्रति परीक्षार्थी एक लाख रुपए में डील हुई थी। 

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बुधवार को सदर डीएसपी इमरान परवेज ने बताया कि गिरोह का सरगना पटना जिला के बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के लखीपुर गांव का अजीत कुमार है। उसका मुख्य सहयोगी नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र के बादी गांव का विकास गौतम है। दोनों पकड़े गए हैं। उनके साथ नालंदा जिले के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के निश्चलगंज का गौरव कुमार, नवादा जिला के पकरीबरावां के मठगुलनी का विकास कुमार, शेखपुरा जिले के पांची गांव का सुभाष कुमार भी गिरफ्तार किया गया है। सभी एक ही स्कॉर्पियो से बिहारशरीफ आ रहे थे। वाहन किराए पर लिया गया था। उसे जहानाबाद के घोसी थाना के दैडीह गांव का चंदन कुमार चला रहा था। उसे भी पकड़ा गया है। उन्होंने बताया कि सभी सात दिसंबर को स्कॉर्पियो से यूपी के गोरखपुर गए थे। वहां आठ दिसंबर को सॉल्वरों ने अलग-अलग सेंटरों पर पैसे लेकर दूसरे के बदले उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा दी। इसके बाद सभी बिहारशरीफ लौट रहे थे। 

शराब मिली तो खुली पोल

सदर डीएसपी ने बताया कि बुधवार को पुलिस एतवारी बाजार के पास वाहनों की जांच कर रही थी। पुलिस ने उनकी स्कॉर्पियो भी रोकी और पूछताछ की। एक सिपाही की नजर गाड़ी में रखेे थर्मस पर पड़ी। संदेह होने पर उसे खोलकर देखा तो उसमें शराब मिली। इसके बाद पुलिस ने सभी वाहन सवारों की सघन तलाशी ली। इस दौरान 50 हजार रुपए नकद, नौ मोबाइल, उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा से संबंधित दस्तावेज, वास्तविक अभ्यर्थियों के मतदाता पहचान पत्र व अन्य फर्जी दस्तावेज मिले। पुलिस ने इनलोगों से कड़ाई से पूछताछ की तो  पूरे खेल से पर्दा उठ गया। छापेेमारी में बिहार थानाध्यक्ष दीपक कुमार, दरोगा श्रीमंत कुमार सुमन व रितुराज शामिल थेे। 

जिनके बदले दी परीक्षा, जल्द होगी उनकी गिरफ्तारी

बिहारशरीफ : डीएसपी इमरान परवेज ने बताया कि गोरखपुर के जिन पांच लोगों के बदलेे ये सॉल्वर परीक्षा में बैठे थे उनकी गिरफ्तारी केे  लिए नालंदा पुलिस जल्द ही गोरखपुर रवाना होगी। डीएसपी ने बताया कि असली परीक्षार्थी पंकज मिश्रा, विजेेंद्र शुक्ल, जैैसराज यादव, दिवजेेंद्र कुमार पांडेय व ओमप्रकाश हैं। उनके पहचान पत्र मिल गए हैं। वहां की पुलिस की मदद से वे सभी जल्द गिरफ्तार किए जाएंगे। उनसे ही पता चलेगा कि वे लोग परीक्षा दिलाने के लिए नालंदा के सॉल्वर के संपर्क में कैसे आए। 

कोचिंग के नाम पर होती थी सेटिंग 

पकड़े गए पांच सॉल्वरों में दो नालंदा जिले के बाशिंदे हैं। इनमें विकास गौतम बिहारशरीफ स्थित धनेेश्वरघाट मोहल्ला मेें प्रतियोगिता परीक्षाओं की कोङ्क्षचग चलाता है। आशंका है कि उसकी कोचिंग के छात्र-छात्राओं को भी इसी तरह परीक्षा पास करने का भरोसा दिया जाता होगा। पुलिस अन्य परीक्षाओं में भी इस गिरोह की संलिप्तता का पता लगा रही है। सदर डीएसपी ने बताया कि विकास ने अजीत के साथ मिलकर गिरोह बनाया। चालक चंदन भी अक्सर इस गिरोह के साथ मेें जाता रहता था। वह अजीत के संपर्क में था।    

प्रति परीक्षार्थी एक लाख में हुई थी डील  

डीएसपी इमरान परवेज ने बताया कि परीक्षा में बैठने के बदलेे प्रति परीक्षार्थी एक लाख रुपए में डील हुई थी। जिसमें सभी पांचों परीक्षार्थियों से 15-15 हजार रुपए एडवांस में मिले थे। ये सभी आपस में एक-दूसरे को स्कॉलर के नाम से पुकारते हैं। डील की रकम का आधा हिस्सा इन स्कॉलरों को दिया जाता है। शेष आधे में सरगना आने-जाने का खर्च, फर्जी दस्तावेज बनाने का खर्च वहन कर अपना हिस्सा रखता है। उन्होंने बताया कि वाहन चेङ्क्षकग के दौरान अगर बदमाशों के पास से थर्मस में शराब नहीं मिलती तो शायद इस खेल का खुलासा नहीं होता। शराब मिलने के बाद स्कॉर्पियो में बैठा एक युवक यूपी शिक्षक पात्रता परीक्षा के वास्तविक परीक्षार्थियों के लैमिनेटेड मतदाता पहचान पत्रों को फाडऩे की कोशिश करने लगा। उसकी इसी करतूत से पुलिस का संदेह गहरा गया। 


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