बिहार में सैलाब का सितम गहराया; अररिया में आवागमन ठप, चंपारण में कटाव तेज
बिहार के विभिन्न भागों में सैलाब का सितम गहराता जा रहा है। अररिया में एनएच पर आवागमन ठप हो चुका है तो पश्चिम चंपारण में कटाव तेज हो गया है। बाढ़ की अपडेट जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।
पटना [जागरण टीम]। कोसी-सीमांचल समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ मुश्किल बढ़ाने लगी है। अररिया में स्थिति सबसे अधिक खराब हुई है। सुपौल, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में भी धीरे-धीरे बाढ़ का पानी आबादी वाले इलाकों में प्रवेश कर रहा है।
अररिया में एनएच पर आवागमन ठप होने की आशंका बढ़ गई है। यहां गुरुवार को सिकटी-पड़रिया प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से निर्मित 25 लाख रुपये का पुल ध्वस्त हो गया। देश के बाकी हिस्सों को पूर्वोत्तर भारत से जोडऩे वाले एनएच 327 पर तीन महीने पहले 90 करोड़ की लागत से दो डायवर्सनों का निर्माण कराया गया था। इनमें से एक के फ्लैंक तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है।
सुपौल-सहरसा में कोसी के जलस्तर में लगातार वृद्धि से तटबंध और स्परों पर दबाव बढऩे लगा है। किशनगंज में महानंदा, कनकई, बूढ़ी कनकई, डोक, रेतुआ, चेंगा व कौल समेत सभी छोटी-बड़ी नदियों में उफान है। टेढ़ागाछ, दिघलबैंक, ठाकुरगंज व पोठिया प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं। जिले में गत दो दिनों में डूबने से दो की मौत हो चुकी है। कटिहार में गंगा और महानंदा दोनों उफान पर हैं।
पूर्णिया के बायसी प्रखंड के आसजा, मवैया, बनगामा, ताराबाड़ी व पुरानागंज के निचले इलाकों में परमान और कनकई नदी का पानी भरने लगा है।
इधर, पानी घटने से पश्चिम चंपारण में नदियों का कटाव तेजी से हो रहा है। सिकटा प्रखंड के गुलरिया महादलित टोला के चकदहवा सरेह में बाढ़ के पानी में डूबने से एक युवक की मौत हो गई। मधुबनी जिले के बेनीपट्टी प्रखंड क्षेत्र में धौंस, खिरोई, बुढऩद तथा थुम्हानी नदी का पानी बढऩे लगा है। मुजफ्फरपुर जिले के पांच प्रखंडों में बाढ़ का असर है।