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बिहार में मानसून की बेरूखी से सूखे के हालात, क्राइसिस मैनेजमेंट को बैठक में चर्चा

मानसून की बेरूखी से बिहार में सूखे के हालात हैं। 26 जिलों में सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक की।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 12:17 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 09:09 PM (IST)
बिहार में मानसून की बेरूखी से सूखे के हालात, क्राइसिस मैनेजमेंट को बैठक में चर्चा
बिहार में मानसून की बेरूखी से सूखे के हालात, क्राइसिस मैनेजमेंट को बैठक में चर्चा

पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार भयानक सूखे की ओर बढ़ रहा है। धान बोने-रोपने का महीना आषाढ़ खत्म होने जा रहा है किंतु राज्य के 26 जिलों में सामान्य से आधी बारिश भी नहीं हुई है। 17 जिलों में तो यह आंकड़ा 40 फीसद पर भी नहीं पहुंचा है। सबसे बुरा हाल वैशाली, सारण, भोजपुर, पटना एवं सिवान जिले का है। यहां 20 फीसद से भी कम बारिश हुई है। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक बुलाई।

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19 जुलाई तक प्रदेश में हुई बारिश के आंकड़े बताते हैं कि इस बार मानसून की नीयत ठीक नहीं है। पूरे प्रदेश में सामान्य औसत से भी 53 फीसद कम बारिश हुई है। डेढ़ दर्जन जिलों में तुलनात्मक रूप से पिछले साल से भी कम बारिश हुई है।

अलर्ट मोड में सरकार

मौसम विभाग की अच्छी बारिश की भविष्यवाणी के बावजूद अभी तक बादल किसानों को तरसा रहे हैं। मानसून की बेरुखी को देखते हुए राज्य सरकार अलर्ट मोड में है। सभी जिलाधिकारियों को हालात पर नजर रखने और निपटने का निर्देश जारी किया जा चुका है। डीजल सब्सिडी की राशि प्रति लीटर पांच रुपये की दर से बढ़ा दी गई है।

सामान्‍य से आधी हुई बारिश

कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 19 जुलाई तक पूरे प्रदेश में मात्र 204 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से लगभग आधी है। ऐसी ही स्थिति बनी रही तो बिहार सूखे की चपेट में आ सकता है। इस बार प्री मानसून बारिश ने भी दगा दिया है और मानसून तो आकर भी ठिठक गया है। इसके चलते खरीफ फसलों की तैयारी पर ग्र्रहण लगता दिख रहा है। भू-जलस्तर भी लगातार नीचे जा रहा है। पशुओं के चारे पर भी आफत है।

धान रोपाई प्रभावित

मानसून की दगाबाजी के चलते धान की रोपाई भी बुरी तरह प्रभावित हो रही है। अभी तक सिर्फ 19 फीसद ही रोपाई हो सकी है, जो पिछले साल की तुलना में आधे से भी कम है। पिछले वर्ष अबतक 14.79 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी थी। अबकी यह आंकड़ा 6.50 लाख हेक्टेयर पर ही अटका है।

जिन जिलों में कम बारिश हो रही है, वहां के किसानों का इंतजार बढ़ रहा है। कम बारिश के चलते धान की बुआई भी 94 फीसद से ज्यादा नहीं हो पाई है, जो बिचड़ा खेतों में है, वह भी सूख रहा है।

यहां 40 फीसद से भी कम बारिश

जिला : फीसद (माइनस में)

वैशाली : -88

सारण : -86

भोजपुर : -84

पटना : -80

सिवान : -83

अरवल : -74

मुंगेर : -73

शेखपुरा : -73

सहरसा : -71

खगडिय़ा : -69

औरंगाबाद : -69

मुजफ्फरपुर : -68

जहानाबाद : -67

नवादा : -64

गोपालगंज : -64

बक्सर : -62

कैमूर : -62


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