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माकपा नेता का बड़ा बयान- NDA में नहीं जाते तो नीतीश होते विपक्ष के पीएम पद का चेहरा

माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि भाजपा विरोधी वोट को एकजुट रखने के लिए लोकसभा चुनावों में किसी भी दल से समझौता किया जा सकता है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 08 Jun 2018 07:51 PM (IST)Updated: Sat, 09 Jun 2018 01:06 PM (IST)
माकपा नेता का बड़ा बयान- NDA में नहीं जाते तो नीतीश होते विपक्ष के पीएम पद का चेहरा
माकपा नेता का बड़ा बयान- NDA में नहीं जाते तो नीतीश होते विपक्ष के पीएम पद का चेहरा

पटना [राज्य ब्यूरो]। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने केंद्र में एनडीए सरकार के चार साल पूरे होने पर कहा कि मोदी सरकार ने अड़तालिस माह में ऐसा कुछ नहीं किया जिससे देश और जनता का भला हो। साथ ही कहा कि यदि नीतीश एनडीए में न गए होते तो आज पीएम पद के चेहरे होते।

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उन्‍होंने आगे कहा कि महंगाई बेलगाम है तो युवाओं में घोर निराशा है। अब भाजपा को सत्ता से हटाना है। भाजपा विरोधी वोट को एकजुट रखने के लिए लोकसभा चुनावों में किसी भी दल से समझौता किया जा सकता है। शुक्रवार को सीताराम येचुरी आइएमए हॉल में पार्टी के कार्यकर्ता सम्मेलन के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े सवाल पर कहा कि नीतीश ने विपक्ष को धोखा दिया। अफसोस है कि नीतीश कुमार भाजपा की शरण में चले गए। वे भाजपा के साथ नहीं गए होते, तो 2019 के लोकसभा चुनाव में संयुक्त विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के लिए चेहरा होते। उपचुनाव के नतीजों के बाद केंद्र की मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।

येचुरी ने कहा कि चार साल में जनता से किया एक भी वादा वर्तमान सरकार ने पूरा नहीं किया। दो करोड़ युवाओं को हर साल रोजगार देने की बात भूल गए, उल्टे बेरोजगारी बढ़ा दी। देश में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। लेकिन सरकार हरित क्रांति लाने की बात कर रही है। महंगाई की मार से कई दशक बाद लोगों की आमदनी घट रही है। मध्यम वर्ग पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है। पेट्रोलियम पदार्थ की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था ही चौपट नहीं हुई, बल्कि लोगों की परेशानी भी बढ़ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि पैसे लेकर भागने वालों की सरकार मदद कर रही है। गोरक्षा के नाम पर देश में दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं। नफरत का वातावरण बना दिया गया है। जन आंदोलन को मजबूत करना है। वामपंथी जनवादी ताकत मोदी सरकार को हटाने में सफल होगी।

पुराने कांग्रेसी हैं प्रणब मुखर्जी, पता नहीं आरएसएस के कार्यक्रम में क्यों गए

सीताराम येचुरी ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यकम में शामिल होने से जुड़े सवाल पर कहा कि मुझे आरएसएस के कार्यक्रम में जाने के लिए बुलाया जाता, तो किसी हालत में नहीं जाता। प्रणब दा पुराने कांग्रेसी हैं। पता नहीं, आरएसएस के कार्यक्रम में क्यों चले गए? आरएसएस को कांग्रेस ने तीन बार प्रतिबंधित किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस की गतिविधि देश और समाज के हित में नहीं हैं। अपने भाषण में भी प्रणब दा ने महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र नहीं किया।


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