बिहार बोर्ड की टॉपर्स फैक्ट्री है यह स्कूल, इस साल टॉप टेन में 11 छात्र
बिहार के सिमुलतला में स्थापित आवासीय विद्यालय 'टॉपर्स फैक्ट्री' मानी जाती है। बिहार बोर्ड की इस साल की मैट्रिक परीक्षा में भी यहां के परीक्षार्थियों ने सफलता के झंडे गाड़े हैं।
पटना [अमित आलोक]। बिहार के सिमुलतला आवासीय विद्यालय की अपनी प्रतिष्ठा है। क्वालिटी एजुकेशन के लिए विख्यात यह विद्यालय आज 'टॉपर्स की फैक्ट्री' बन गई है। शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का 'ड्रीम प्रोजेक्ट' है। इस साल भी मैट्रिक की परीक्षा में इसने इतिहास रच दिया है।
बिहार बोर्ड परीक्षा के 2017 के जारी आज के रिजल्ट में इस विद्यालय के 11 छात्रों ने टॉप टेन में अपनी जगह बनाई है। बोर्ड की सेकेंड और थर्ड टॉपर इसी स्कूल की हैं। बोर्ड की सेकेंड टॉपर भाव्या और थर्ड टॉपर हर्षिता इसी स्कूल की छात्रा हैं।
बिहार के जमुई जिले का सिमुलतला 'मिनी शिमला' कहा जाता है। यहां घने जंगलों व पहाडियाें के बीच स्थापित सिमुलतला आवासीय विद्यालय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद रांची का नेतरहाट विद्यालय झारखंड चला गया।
इसके बाद से बिहार में भी ऐसे स्कूल की मांग हुई तो सिमुलतला में इस विद्यालय की स्थापना 9 अगस्त 2010 को की गई। नीतीश कुमार ने इसका उदघाटन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए किया था।
कठिन एडमिशन प्रक्रिया
सिमुलतला आवासीय विद्यालय में कक्षा छह में नामांकन होता है। नामांकन प्रदेश स्तर पर जांच परीक्षा के आधार पर होता है। यह परीक्षा बिहार बोर्ड (बिहार विद्यालय परीक्षा समिति) लेती है। छठी कक्षा में 60 छात्रों व 60 छात्राओं का नामांकन किया जाता है। यहां 12वीं तक सभी विषयों की पढाई होती है।
सुबह साढ़े चार बजे से शुरू होती दिनचर्या
विद्यालय में दिनचर्या सुबह 4.30 से शुरु हो जाती है। सुबह व्यायाम और प्रार्थना के बाद आठ बजे से दो बजे दिन तक पढाई होती है। फिर, शाम 6.30 से रात 9.30 तक स्वाध्याय का टाइम होता है। छात्र रात 10 बजे सोने चले जाते हैं। छात्राें की पढ़ाई संबंधी किसी समस्या के समाधान के लिए शिक्षक अलग से भी वक्त देते हैं।
पढ़ाई का माध्यम अंग्रेजी
विद्यालय में बिहार स्टेट टेक्स्ट बुक कॉरपोरेशन की किताबों के साथ एनसीईआरटी की किताबों के आधार पर पढाई जाती है। साथ ही अन्य सहयोगी किताबों का भी सहारा लिया जाता है। पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम से होती है। छात्रों के पूर्ण विकास के लिए समय-समय पर विज्ञान-प्रदर्शनी, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि गतिविधियाें का आयोजन किया जाता है।
कम नहीं उपलब्धियां
सिमुलतला के छात्र दो साल से बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं। 2015 की मैट्रिक परीक्षा में टॉप 10 में आने वाले 31 में से 30 छात्र यहीं के थे। 2016 में भी मैट्रिक के रिजल्ट में इस विद्यालय ने न केवल टॉपर दिया, बल्कि टॉप 10 में शामिल 46 छात्र यहीं के थे। बीते दो सालों से जेईई मेन के रिजल्ट में भी यहां के दर्जनों छात्र सफल होते रहे हैं।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजीव रंजन कहते हैं कि यहां पढने वाले छात्र जीवन में आगे भी अपनी प्रतिभा का परिचय देते रहेंगे।
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मानदेय पर काम करते शिक्षक
सिमुलतला आवासीय विद्यालय में प्राचार्य और उप-प्राचार्य के अलावा करीब डेढ़ दर्जन शिक्षक पदस्थापित हैं। प्राचार्य से लेकर शिक्षक तक की नियुक्ति मानदेय पर हुई है। इन शिक्षकों को बिहार सरकार के अन्य शिक्षकों की तरह वेतनमान का लाभ नहीं मिलता है। बिहार सरकार द्वारा पूर्णत: वित्त प्रदत्त इस विद्यालय का संचालन सिमुलतला एजुकेशन सोसायटी करती है।
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