बालू की बोरियों से नाले के किनारों की घेराबंदी, कई मोहल्लों में बदबूदार पानी घूसने का डर
लोगों को बरसात के दिनों में जलजमाव जैसी किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसके बालू की बोरियों का बांध तैयार करवाया जा रहा है।
पटना [जेएनएन]। राजेन्द्र नगर से शुरू होकर राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 30 स्थित छोटी पहाड़ तक पहुंचने वाला सैदपुर-रामपुर नाला इस बरसात हजारों लोगों की मुसीबत बढ़ा सकता है। राजधानी पटना के कई बड़े नालों के पानी को सम्प हाउस तक पहुंचाने वाले इस नाले का दोनों किनारा ध्वस्त हो चुका है। नगर निगम के बांकीपुर और पटना सिटी अंचल अन्तर्गत इस नाले की अनदेखी से दोनों किनारे बसी कई कॉलोनियों में रहने वालों की नींद अभी से उड़ी है। इस समस्या को लेकर निगम की देर से नींद खुली और इस नाले के दोनों किनारे बालू की बोरियां सजा कर बांध बनाने का काम शुरू किया गया है।
तीन किलोमीटर से अधिक लंबे और करीब बीस फीट गहरा यह नाला बरसात में लबालब होकर सड़क पर उमड़ आता है। इस क्षेत्र की जन समस्याओं को लेकर हमेशा आवाज उठाने वाले पाटलिपुत्रा नगर विकास समिति के अध्यक्ष बब्लू कुमार, डॉ. सुशील कुमार, अंजनी कुमार, मनोज, तनवीर खान, भुट्टो खान, अब्दुल मन्नान कुरैशी का कहना है कि नाले की उड़ाही के दौरान ही दोनों किनारा ध्वस्त होता रहा है। दोनों ओर का पक्का घेरा टूट कर नाले में समा गया। इसकी मरम्मत निगम द्वारा कभी नहीं कराई गई। आए दिन इस नाले में वाहन समेत लोग गिर जाते हैं। बरसात के समय नाला और इसके दोनों किनारे की सड़क कर अंतर मिट जाता है। नाला सड़क पर बहने लगता है।
बब्लू कुमार ने बताया कि राजेन्द्र नगर क्षेत्र के जल जमाव को दूर करने के लिए कई बड़े नालों का बहाव सैदपुर रामपुर नाला में जोड़ा गया है। इस बरसात इस नाला में पानी का स्तर काफी ऊंचा जाएगा। दोनों किनारा ध्वस्त हो जाने के कारण सैदपुर नहर, अम्बेडकर कॉलोनी, रामपुर, लोहरवा गली, बकरी मंडी, न्यू अजीमाबाद कॉलोनी, कासिम कॉलोनी, शनिचरा मोहल्ला, प्रोफेसर कॉलोनी, विकास कॉलोनी समेत अन्य इलाकों में जल जमाव गंभीर होने की संभावना है। इस पर काबू पाने के लिए ही नाले के दोनों किनारे बालू की बोरियों से बांध बनाया जा रहा है। नाला के दोनों किनारे की महत्वपूर्ण सड़क भी बदहाल हो चुकी है। इस पर वाहन तो दूर पैदल तक चलना खतरनाक है।