सावन मेले पर इस बार भी कोरोना का संकट, बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री ने धार्मिक आयोजनों पर रोक की कही बात
बिहार सरकार के पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद का भी कहना है कि सभी तरह के धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों पर रोक लगी है। ऐसे में निकट भविष्य में मेला महोत्सव या किसी भी सांस्कृतिक आयोजन की उम्मीद कम है।
पटना, राज्य ब्यूरो। Shravani Mela: कोविड के कारण इस बार भी श्रावणी मेले व महोत्सव का टलना तय है। सावन का महीना 23 जुलाई से शुरू हो रहा है, मगर सुल्तानगंज से लेकर मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर तक इसको लेकर कहीं कोई खास तैयारी नहीं दिख रही। कोविड प्रोटोकाल के तहत मंदिरों में ताले लटके हैं। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए धार्मिक और सार्वजनिक आयोजनों पर भी रोक है, ऐसे में राज्य के विभिन्न जिलों व मंदिरों के आसपास लगने वाले श्रावणी मेले व महोत्सव होने की उम्मीद नहीं है। पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद का भी कहना है कि सभी तरह के धार्मिक व सांस्कृतिक आयोजनों पर रोक लगी है। ऐसे में निकट भविष्य में मेला, महोत्सव या किसी भी सांस्कृतिक आयोजन की उम्मीद कम है।
छह अगस्त तक है नया आदेश
अनलाक-4 में मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश छह अगस्त तक प्रभावी बताया गया है। ऐसे में सावन से पहले नए आदेश की उम्मीद भी बेहद कम है। सावन के महीने और खासकर सोमवार को शिव मंदिरों में उमडऩे वाली भीड़ को देखते हुए इसमें छूट की संभावना भी नहीं है। मेले के आयोजक और स्थानीय प्रशासन भी सरकारी आदेश का हवाला देते हुए मानकर चल रहा है कि इस बार आयोजन नहीं होगा।
पिछले साल भी नहीं लगा था मेला
कोविड के कारण पिछले वर्ष 2020 में भी श्रावणी मेले का आयोजन नहीं हो सका था। सुल्तानगंज से भी देवघर के कांवर यात्रा नहीं हुई थी। मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर और जहानाबाद के वाणावर में भी श्रावणी मेला व कांवर यात्रा नहीं हो पाई थी। वाणावर पहाड़ पर स्थित मंदिर में जलाभिषेक के लिए अभी से सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या बढऩे लगी है। सोनपुर का बाबा हरिहरनाथ मंदिर भी पिछली बार सावन में बंद रहा था। ऐसे में स्थानीय प्रशासन लोगों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग आदि कर रहा है।