बिहारः स्काइप पर हुआ श्राद्ध, क्रियाकर्म देख दिल्ली-जयपुर में बैठे स्वजनों के छलके आंसू
लॉकडाउन से जिंदगी की रफ्तार तो थम गई है लेकिन जन्म और मृत्यु पर कौन लगाम कस सकता है। बक्सर में परिवार के मुखिया की मौत पर स्वजनों ने स्काइप से श्राद्धकर्म में शामिल होने का निर्णय लिया।
जागरण संवाददाता, डुमरांव (बक्सर) : कोविड-19 पार्ट टू को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से जिंदगी की रफ्तार तो थम गई है, लेकिन जन्म और मृत्यु पर कौन लगाम कस सकता है। अनुमंडल अंतर्गत कृष्णा ब्रह्म थाना क्षेत्र के सोवां गांव में एक परिवार के सामने उस समय विकट स्थिति उत्पन्न हो गई, जब कोविड-19 पार्ट टू को लेकर पूरे प्रदेश में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान ही घर के मुखिया चल बसे। भरोसा यादव के भरे पूरे परिवार का कोई सदस्य जयपुर में फंसा था तो कोई दिल्ली में।
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन में घर आना भी आसान नहीं था। ऐसे में परिवार के यहां उपस्थित सदस्यों ने निर्णय लिया कि जो बाहर हैं वह स्काइप (मोबाइल वीडियो कॉलिंग ऐप) के जरिए श्राद्धकर्म में भाग लेंगे। शुक्रवार को दूसरे शहरों में रह रहा पूरा परिवार स्काइप के माध्यम से श्राद्धकर्म में शामिल हुआ और स्क्रीन पर परिवार के सदस्य एक दूसरे को दिलासा देते रहे। बातचीत के दौरान स्वजनों की आंखें भी नम हो रही थी। मृतक के पुत्र सत्येंद्र कुमार ने बताया कि वे और उनके भाई के साथ ही घर में बूढ़ी मां सहित अन्य कई लोग गांव में ही रहते हैं। जबकि परिवार के अन्य सदस्य जयपुर, दिल्ली सहित अन्य शहरों में रहते हैं। इकलौती बहन मीरा और बहनोई मंगल जयपुर आर्मी छावनी में रहते हैं।
परिवार ने सहमति से लिया स्काइप पर श्राद्ध् में शामिल होने का निर्णय
गांव में ही तेरह दिन पहले पिताजी की मौत के बाद पूरे परिवार आपसी सहमति से निर्णय लिया कि हुए लोग सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन का पालन करते हुए अंतिम संस्कार करेंगे। बेटी मीरा फोन पर बिलखते हुए पिता के अंतिम संस्कार में गांव आने की इच्छा जताई। लेकिन उसे वहीं रहने को कहा गया। इसके बाद अलग-अलग शहरों में रह रहे सभी परिवार के सदस्यों का एक ग्रुप बनाकर स्काइप से जोड़ा गया और वीडियो कॉल के माध्यम से उन्हें श्राद्धकर्म में शामिल कराया गया।