CoronaVirus: शापिंग मॉल 31 मार्च तक बंद, राज्य के सभी व्यवहार न्यायालय आज से मॉर्निंग
कोरोना वायरस से बचने के लिए एहतियातन राजधानी के सभी शापिंग मॉल 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। राज्य के सभी व्यवहार न्यायालयों में आज से मॉर्निंग में कामकाज होगा।
पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस से बचने के लिए एहतियातन राजधानी के सभी शापिंग मॉल 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। जिलाधिकारी कुमार रवि ने बताया कि यह निर्देश बुधवार से ही प्रभावी होगा। आदेश में शापिंग मॉल को सिर्फ रोजमर्रा की वस्तुएं और जन उपयोगी सामग्रियों की दुकानें या काउंटर खोलने की छूट रहेगी। इन दुकानों या काउंटरों से खाद्य सामग्री, फल, सब्जी, सफाई की सामग्री, औषधि की बिक्री ही की जा सकेगी। यह शर्त भी रखी गई है कि दुकानें या काउंटर खोले जाने पर कार्यरत कर्मियों और खरीदारों के स्वास्थ्य सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। प्रवेश द्वार पर ग्राहकों के लिए सैनिटाइजर या डिटॉल की व्यवस्था रखनी होगी।
राज्य के सभी व्यवहार न्यायालय आज से मॉर्निंग
राज्य के सभी व्यवहार न्यायालयों में आज से मॉर्निंग में कामकाज होगा। सुबह 7 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक कोर्ट में काम होगा। पहली पाली में कोर्ट सुबह 7 बजे से 9:30 बजे तक चलेगा। 9:30 से सुबह 10 बजे तक लंच का समय होगा। दूसरी पाली सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक होगी। 27 जून तक कोर्ट के कामकाज का समय यही रहेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए उपरोक्त आदेश पटना उ'च न्यायालय प्रशासन ने जारी किया है। आदेश की प्रति सभी जिला जज कार्यालय को भेज दी गई है। इसी आदेश के आलोक में पटना जिला जज अधीनस्थ पटना सिटी व्यवहार न्यायालय, दानापुर, मसौढ़ी, बाढ़ और पालीगंज न्यायालय तथा जिला अधिवक्ता संघ सहित सभी संबंधित अधिवक्ता संघों तथा संबंधित विभागों को निर्देश भेजा गया है।
अदालतों में डॉक्टरों ने कोरोना के प्रति अधिवक्ताओं को किया जागरूक
कोरोना वायरस से बचाव के लिये पटना जिला व्यवहार न्यायालय परिसर और पटना सिटी व्यवहार न्यायालय परिसर में मंगलवार को बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश और जिला जज रूद्र प्रकाश मिश्रा के आदेश पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। पटना सिविल कोर्ट परिसर में सहायक मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विभा कुमार सिंह, विश्व स्वास्थ्य संगठन विशेष चिकित्सा पदाधिकारी एस. एम. त्रिपाठी और चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. फिरोज अहमद ने न्यायिक पदाधिकारियों, अधिवक्ताओं, कोर्ट कर्मचारियों तथा आम लोगों को जागरूक किया।