मीठापुर बस स्टैंड की बंद गुमटी में मिली दुकानदार की लाश
मीठापुर बस स्टैंड की बंद गुमटी में मिली दुकानदार की लाश
पटना। जक्कनपुर थाना क्षेत्र स्थित मीठापुर बस स्टैंड की बंद गुमटी से सोमवार को वृद्ध की सड़ी-गड़ी लाश मिलने से हड़कंप मच गया। पुलिस ने मृतक की पहचान नालंदा के इस्लामपुर निवासी 60 वर्षीय रवींद्र प्रसाद केसरी के रूप की है। पुलिस की मानें तो शव को देखने से अंदाजा लगाया जा रहा है कि वृद्ध की हत्या 15 दिन पूर्व की गई होगी। जानकारी मिलते ही एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा भी घटनास्थल पर पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए। एसएसपी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद कारण स्पष्ट होगा। प्रारंभिक जांच में हत्या की बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
: धनबाद में था परिवार, खुद रहते थे पटना :
जक्कनपुर थानेदार मुकेश कुमार वर्मा ने बताया कि रविंद्र प्रसाद विग्रहपुर में ही एक मकान में एक कमरा किराए पर लेकर रहते थे। मीठापुर बस स्टैंड के अंदर गुमटी खोली थी और गाड़ी धोने का काम करते थे। सोमवार की सुबह उनके बेटे ने पुलिस को फोन कर सूचना दी कि गुमटी के अंदर से दुर्गध आ रही है। उन्हें किसी अनहोनी की आशंका है। पुलिस मौके पर पहुंची तो गुमटी में बाहर से ताला बंद था।
छानबीन में पता चला कि रविंद्र की पत्नी अपने दोनों बेटों के साथ धनबाद स्थित मायके में रहती थीं। रविंद्र पिछले एक साल से विग्रहपुर में ही रहते थे। इस बीच रविंद्र अपनी पत्नी और बच्चों से नहीं मिले थे। लेकिन, मोबाइल पर बातचीत होती थी।
: कमरे से मिली चाबी, पुलिस ने खोला गुमटी का ताला :
छानबीन करते हुए थानेदार विग्रहपुर स्थित रविंद्र के कमरे पर गए। वहां ताला लटक रहा था। मकान मालिक ने पुलिस को बताया कि उनके घर में 29 फरवरी को शादी थी। रविंद्र को उन्होंने आखिरी बार 27 फरवरी को देखा था। लेकिन, देर शाम तक उनका दरवाजा खुला था। यह देख उन्होंने कमरे में ताला लगा दिया। इसके बाद वह शादी समारोह को लेकर व्यस्त हो गए। मकान मालिक से चाबी मिलने के बाद पुलिस ने रविंद्र का कमरा खोला। कमरे में बिस्तर पर गुमटी की चाबी मिली। वह चाबी गुमटी की थी। पुलिस ने चाबी लेकर गुमटी का ताला खोला तो अंदर रविंद्र की लाश पड़ी थी। यह देख रविंद्र की पत्नी और बेटे रोने लगे।
: 20 दिनों से नहीं काम कर रहा था रविंद्र का मोबाइल :
रविंद्र की पत्नी शारदा और बेटे ने शनिवार को पटना में किशन (रविंद्र के भाई) से फोन पर संपर्क किया। किशन ने शारदा को बताया कि रविंद्र से पिछले 20 दिनों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। उनका मोबाइल भी काम नहीं कर रहा। इसके बाद किशन विग्रहपुर स्थित रविंद्र के कमरे में पहुंचे। तब मकान मलिक ने बताया कि वह कई दिनों से कमरे पर नहीं आए। सोमवार को शारदा अपने बेटे के साथ मीठापुर पहुंची। : कई सवालों का जवाब तलाश रही पुलिस :
उधर स्वजनों की मानें तो कुछ दिनों पूर्व उन्होंने जक्कनपुर थाने में रविंद्र की गुमशुदगी का आवेदन दिया था। वहीं थानेदार का कहना था कि सोमवार को रविंद्र के घरवाले पुलिस के संपर्क में आए। ऐसा कोई आवेदन मिला ही नहीं था। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि आखिर जिस गुमटी में रविंद्र की लाश मिली उसके ताले की चाबी रविंद्र के कमरे में कैसे पहुंची? रविंद्र का कमरा 27 फरवरी को खुला देख मकान मालिक ने ताला बंद किया, फिर चाबी अंदर कैसे आई? 15 दिनों से गुमटी में लाश पड़ी थी तो स्टॉफ ने क्यों खोज-खबर नहीं ली? ऐसी कई बिंदुओं पर पुलिस पड़ताल कर रही है। पुलिस की मानें तो वह एक साल से विग्रहपुर में रहे। वह रुपये किसे देते थे और उनकी गुमटी से लेकर कमरे पर कौन-कौन आता था इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। रविंद्र का मोबाइल भी पुलिस को नहीं मिला है। उनके साथ और कौन काम करता था इसकी जानकारी के लिए आसपास के दुकानदारों से पूछताछ कर रही है।