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Shocking: बिहार के 'सरकारी सिस्टम' के फेर में फंसे अमेरिका के प्रोफेसर साहब, जान हो जाएंगे हैरान

बिहार में बेशक यह हैरान करनेवाला मामला है। बिहार के सरकारी सिस्टम के फेर में अमेरिका के प्रोफेसर साहब फंस गए हैं। पटना की मेयर सीता साहू ने भी माना यह धन के दुरुपयोग का मामला।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 12 Oct 2019 06:47 PM (IST)Updated: Sat, 12 Oct 2019 09:38 PM (IST)
Shocking: बिहार के 'सरकारी सिस्टम' के फेर में फंसे अमेरिका के प्रोफेसर साहब, जान हो जाएंगे हैरान
Shocking: बिहार के 'सरकारी सिस्टम' के फेर में फंसे अमेरिका के प्रोफेसर साहब, जान हो जाएंगे हैरान

पटना [डॉ. कौशलेंद्र]। American professor trapped in process of  bihari system: सरकार की लोकहितकारी योजनाओं की आड़ में पटना नगर निगम में इंजीनिय र व ठेकेदार गठजोड़ सरकारी खजाने को चोट पहुंचा रहा है। निगम के इस कॉकस से अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत के सैन फ्रैंसिस्को में सोफिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अप्रवासी भारतीय कुंदन कुमार सिंह भी लड़ रहे हैं। 

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कुंदन पटना जिले के मोकामा के मूल बाशिंदे हैं। पटना में बहादुरपुर फ्लाईओवर के पास कैलाश अपार्टमेंट से राजेश्वर हॉस्पिटल को जोडऩे वाली सड़क के किनारे उर्वशी अपार्टमेंट में उनका एक फ्लैट है। यह क्षेत्र वार्ड संख्या-45 में आता है। 2010 से 2012 के बीच डूडा ने यहां सड़क व नाला बनवाया था, जो फिलहाल बिल्कुल दुरुस्त है। इसके बावजूद मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सात निश्चय में एक नाली-गली पक्कीकरण योजना के तहत नगर निगम के इंजीनियर ने ठेकेदार से मिलकर कमाई का रास्ता ढूंढ लिया।

दुरुस्त सड़क और नाले को तोड़कर नई सड़क व नाली का टेंडर पास करा दिया। इसके लिए लगभग 15 लाख रुपये स्वीकृत भी हो गए। आनन-फानन में काम भी शुरू कर दिया गया। जानकारी मिलते ही प्रो. कुंदन ने तत्कालीन नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन को अमेरिका से ई-मेल से शिकायत की। सूचना मिलते ही नगर आयुक्त ने निगम के मुख्य अभियंता को स्थल जांच कर रिपोर्ट सौंपने को कहा। जांच रिपोर्ट में मुख्य अभियंता ने माना कि नाला व सड़क दोनों ठीक हैं। लिहाजा, नई सड़क व नाले के निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगनी चाहिए। इसके बाद काम बंद हो गया, लेकिन तत्कालीन नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन के जाते ही फिर काम शुरू करने की साजिश रची जा रही है, ताकि सरकारी राशि का बंदरबांट हो सके।

इस बाबत कंकड़बाग अंचल के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार नाग से बात की गई तो उन्होंने कहा, आम सभा से सड़क व नाले के निर्माण का प्रस्ताव पास हुआ था। इसके बाद टेंडर हुआ, फिर काम शुरू किया गया। यह पूछने पर कि जब सड़क व नाला ठीक था तो उसे तोड़कर दूसरी सड़क व नाले का निर्माण क्यों किया जा रहा? इस पर वह निरुत्तर हो गए। 

वहीं प्रो. कुंदन सिंह ने कहा, यह सब कार्यपालक अभियंता व ठेकेदार की मिलीभगत का नतीजा है। एक तो दुरुस्त सड़क व नाली को तोडऩा सरकारी धन का दुरुपयोग है, दूसरे जो नई नाली या सड़क बनाने की योजना है, उसमें सड़क व नाली वर्तमान स्तर से ऊंची कर दी जाएगी। जबकि क्षेत्र में बने पुराने घर और अपार्टमेंट नीचे हैं। लिहाजा, यह नाली जल निकासी के बजाए जलजमाव का कारण बन जाएगी।

वहीं इस बाबत पटना की मेयर सीता साहू कहती हैं कि कंकड़बाग अंचल के कार्यपालक अभियंता विनय कुमार नाग से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। इसके बाद उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह सरासर सरकारी धन के दुरुपयोग का मामला है।


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