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शिवानंद ने नीतीश से दो टूक पूछ लिया- आप अमर्त्‍य सेन का बचाव करेंगे या नहीं

शिवानंद ने कहा कि अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्‍य सेन को आज भूमि हड़पने वाला करार दिया जा रहा है। 2013 में नीतीश की वजह से अमर्त्‍य सेन पर इन्हीं लोगों ने हमला किया था। तब नीतीश मजबूती से उनके साथ खड़े थे। आज क्‍या हुआ

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 08:49 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 09:04 PM (IST)
शिवानंद ने नीतीश से दो टूक पूछ लिया- आप अमर्त्‍य सेन का बचाव करेंगे या नहीं
राजद नेता शिवानंद तिवारी और सीएम नीतीश कुमार की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । राजद नेता शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि वे प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्‍य सेन का साथ दें। क्योंकि आज उन पर खास तरह की विचारधारा के लोग हमले कर रहे हैं। अपमानित कर रहे हैं। शिवानंद ने उन्हें याद दिलाया कि आज से सात साल पहले अमर्त्‍य सेन ने बिहार सरकार की तारीफ की थी। तिवारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित कई बड़े राजनेता इस समय अमर्त्‍य सेन का साथ दे रहे हैं। जबकि एक हिस्सा उन्हें बदनाम करने की मुहिम चला रहा है।  

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सीधा सवाल किया

शिवानंद ने नीतीश कुमार से सीधा सवाल किया है-आप अमर्त्‍य सेन का बचाव करेंगे या नहीं? अर्थशास्त्र के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्‍य सेन को आज भूमि हड़पने वाला करार दिया जा रहा है। उनके ज्ञान की खिल्ली उड़ाई जा रही है। उनको अपमानित किया जा रहा है। ऐसा करने वाले वे लोग हैं जो हर साफ -सुथरे चेहरे पर कालिख पोत देना चाहते हैं। अपने अलावा सभी की मूर्तियों को भंग कर देना चाहते हैं। यह उचित नहीं है।

नीतीश के चलते हुआ था हमला

तिवारी ने कहा कि एक बार नीतीश जी की वजह से अमर्त्‍य सेन पर इन्हीं लोगों ने हमला किया था। 2013 में  नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में होने वाले विकास को एक मॉडल के रुप में उन्होंने तारीफ  की थी।  कहा था कि यह मॉडल देश के अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय है। उस समय नीतीश जी ने बहुत मजबूती के साथ सेन का बचाव किया था। लेकिन तब और आज में  बहुत फर्क आ गया है।

अमर्त्‍य सेन आज भी वही हैं, जिन्होंने नीतीश जी  के काम की तारीफ  की थी। लेकिन नीतीश जी का स्थान बदल गया है। इसीलिए नीतीश जी के लिए परीक्षा की घड़ी तो आज है। अगर आज वे अमर्त्‍य सेन के बचाव में खड़े नहीं होते हैं तो उन्हें भी उन लोगों का सहयोगी माना जाएगा, जो अमर्त्‍य सेन को बदनाम कर रहे हैं।


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