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शत्रुघ्न सिन्हा ने तेजस्वी को लगाया राजतिलक और फिर गरमा गई बिहार की राजनीति, जानें कैसे

भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने मंगलवार को दुर्गा पूजा पंडाल में राजतिलक लगाया और आशीर्वाद दिया कि उनके अच्छे दिन आएंगे। इस वाकये ने लालू-नीतीश की याद दिला दी। जानिए इस खबर में....

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 05:21 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 08:26 AM (IST)
शत्रुघ्न सिन्हा ने तेजस्वी को लगाया राजतिलक और फिर गरमा गई बिहार की राजनीति, जानें कैसे
शत्रुघ्न सिन्हा ने तेजस्वी को लगाया राजतिलक और फिर गरमा गई बिहार की राजनीति, जानें कैसे

पटना [काजल]। सूबे में दुर्गा पूजा की धूम मची है। इस बीच माता दुर्गा का दर्शन करने एक साथ निकले भाजपा सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे सह बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को दुर्गा माता के सामने राजतिलक लगाया और उन्हें आशीर्वाद दिया।

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इस घटना ने उस वक्त की याद दिला दी जब मकर संक्राति के मौके पर आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने अपने घर पर विशेष भोज की व्यवस्था की थी और इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे। तब बिहार में राजद-कांग्रेस-जदयू की महागठबंधन की सरकार थी और दोनों बड़े भाई-छोटे भाई कहलाते थे।

लालू ने मकर संक्रांति के इस मौके पर नीतीश कुमार के माथे पर दही का तिलक लगाया था और कहा था कि 'तिलक इसलिए लगाया गया है ताकि नीतीश कुमार को विपक्षी बीजेपी के तंत्र-मंत्र से बचाया जा सके।बीजेपी हमारी गठबंधन की सरकार पर संदेह करती है, उनके इस प्रयास को सफल नहीं होने देने के लिए यह टीका है।'उन्होंने कहा कि बिहार में आरजेडी और जेडीयू की सरकार 20 साल तक राज करेगी।

सरकार बीस साल तक तो नहीं चली, लालू का लगाया टीका नीतीश को बुरी नजरों से नहीं बचा सका और महागठबंधन टूट गया। जो दुश्मन थे वो दोस्त बन गए जो दोस्त थे उनसे राजनीति में छत्तीस का आंकड़ा हो गया। जो तेजस्वी यादव कभी नीतीश कुमार को चाचाजी कहकर उनकी छत्रछाया में राजनीति सीखने की बात करते थे वो पराए हो गए और आजकल शत्रुघ्न सिन्हा उनके चाचाजी बन गए हैं।

बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद शत्रुघ्न सिन्हा की लालू परिवार से नजदीकियां काफी बढ़ गई हैं। एक ओर जहां शत्रुघ्न सिन्हा लालू यादव के जेल जाने के बाद अक्सर लालू परिवार से मिलते-जुलते रहते हैं तो वहीं लालू यादव के बच्चे मीसा भारती, तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव भी उन्हें अपना अभिभावक बताते हैं।

लालू परिवार के एक आयोजन में पहुंचे शत्रुघ्न सिन्हा से जब पूछा गया कि क्या वे राजद के टिकट से चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने इसके लिए हामी भरी थी और वहीं तेजप्रताप ने भी कहा था कि क्यों नहीं? वो राजद के टिकट से ही चुनाव लड़ेंगे। 

भाजपा से अपनी दूरी बढ़ाते हुए शत्रुघ्न सिन्हा ने जिस तरह से मंगलवार को  दुर्गा पूजा में पटना के डाक बंगला चौराहे पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के साथ पहुंचे और एक साथ पूजा-अर्चना की और इसके बाद ऐलान कर दिया कि उन्होंने दुर्गा मां के चरणों में तेजस्वी का राज्याभिषेक कर दिया है और उसके अच्छे दिन आए या नहीं शुभ दिन आने वाले हैं।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह दुर्गा मां के चरणों में राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन दुर्गा मां के चरणों में इतना ज़रूर कहना चाहते हैं कि नवरात्रि के इस घड़ी में जैसे साथ हैं वैसे साथ रहेंगे। विजयी भव कहते हुए उन्होंने तेजस्वी यादव के बारे में कहा कि उनके अंदर क्षमता है शक्ति है और बिहार के लिए भक्ति है, इसलिए वह राज्य के भविष्य हैं।

 

 वहीं तेजस्वी यादव ने भी कहा कि बिहारी बाबू उनके अभिभावक के समान हैं, जो परिवार के बुरे वक़्त में भी साथ खड़े हैं। इसका राजनीतिक अर्थ लगाया जा रहा है कि आने वाले समय में बिहारी बाबू राजद के टिकट पर पटना साहेब से चुनाव मैदान में कूद सकते हैं।दोनों के बीच नज़दीकियों ने राजनीतिक कयास के बाज़ार को फिर गर्म कर दिया है।


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