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लालू के इन्कार से शरद हटे पीछे, कहा-मैं नहीं, महागठबंधन का CM चेहरा होंगे तेजस्वी

शरद यादव ने स्पष्ट कह दिया है कि मैं महागठबंधन का चेहरा नहीं नेता तेजस्वी यादव हैं और राजद ही सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन को एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 03:13 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 08:55 AM (IST)
लालू के इन्कार से शरद हटे पीछे, कहा-मैं नहीं, महागठबंधन का CM चेहरा होंगे तेजस्वी
लालू के इन्कार से शरद हटे पीछे, कहा-मैं नहीं, महागठबंधन का CM चेहरा होंगे तेजस्वी

पटना, राज्य ब्यूरो। वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने घोषणा की है कि बिहार में राजद के तेजस्वी यादव के चेहरे पर महागठबंधन चुनाव लड़ेगा। यानी महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी ही होंगे। पटना में महागठबंधन के नेताओं के साथ कई अनौपचारिक बैठकों के बाद शरद यादव को आगे रखने की एक रणनीति बनी थी, लेकिन लालू प्रसाद तेजस्वी के नाम पर अडिग हैं। सूत्रों का कहना है कि शरद यादव ने तेजस्वी का नाम घोषित कर लालू प्रसाद की नाराजगी से स्वयं को बचा लिया है। 

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शरद फिलहाल राज्यसभा की एक सीट की गारंटी चाहते हैं और तेजस्वी के नाम का सार्वजनिक एलान उनकी इसी कोशिश का उदाहरण समझा जा रहा। शरद यादव ने बुधवार को नई दिल्ली में कहा-राजद, राज्य विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है। तेजस्वी यादव विपक्ष के नेता हैं।विधानसभा चुनाव भी उनके चेहरे पर ही लड़ा जाएगा।

शरद ने कहा-कुछ लोग मेरे चेहरे को आगे कर चुनाव लडऩे की बात करते हैं। लेकिन, अंतत: तेजस्वी का चेहरा ही ठीक रहेगा। उन्होंने कहा-मैं 43 साल से दिल्ली और देश की राजनीति कर रहा हूं। 

बिहार में इन दिनों महागठबंधन में चेहरे का सवाल तेजी से उभर रहा था। खासकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के एलान के बाद यह सवाल और तीखा हुआ। शाह ने कहा था कि एनडीए विधानसभा का चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चेहरे पर लड़ेगा।

तेजस्वी के नाम पर कांग्रेस के अलावा रालोसपा, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी भी असहज महसूस कर रही थीं। शरद यादव की पिछली बिहार यात्रा के समय रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और विकासशील इंसान पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी ने बंद कमरे में उनसे बातचीत की थी। इन नेताओं ने शरद से नेतृत्व करने का आग्रह किया था।

पटना से शरद रांची गए। वहां राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से उनकी मुलाकात हुई। समझा जाता है कि लालू प्रसाद के राजी न होने के बाद ही शरद ने अपने बदले तेजस्वी के चेहरे को पेश किया है। 


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