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शैबाल गुप्ता ने अर्थशास्त्र से जोड़ा बिहार ब्रांड, मरणोपरांत मिला पद्मश्री सम्मान

कालेज आफ कामर्स आट्र्स एंड साइंस के प्राचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि शैबाल दा ने बिहार ब्रांड को अर्थशास्त्र से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्रि) के संस्थापक डा. शैबाल गुप्ता को मरणोपरांत पद्मश्री पुरस्कार दिया गया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 10:39 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 10:41 AM (IST)
शैबाल गुप्ता ने अर्थशास्त्र से जोड़ा बिहार ब्रांड, मरणोपरांत मिला पद्मश्री सम्मान
एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्रि) के संस्थापक डा. शैबाल गुप्ता। (फाइल फोटो)

जागरण संवाददाता, पटना: एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्रि) के संस्थापक डा. शैबाल गुप्ता को मरणोपरांत पद्मश्री सम्मान मिलने की सूचना पर उनके प्रशंसकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। कालेज आफ कामर्स आट्र्स एंड साइंस के प्राचार्य प्रो. तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि शैबाल दा ने बिहार ब्रांड को अर्थशास्त्र से जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। बिहार की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उनके नेतृत्व में कई शोध किए गए। जिसका लाभ राज्य व केंद्र की सरकार को भी मिला। 

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1991 में की आद्रि की स्थापना  आद्रि के सदस्य सचिव डा. प्रभात पी घोष ने बताया कि डा. शैबाल गुप्ता एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट आफ सोशल स्टडीज से अपना करियर शुरू किये थे, लगभग 15 साल तक वे इस संस्थान से जुड़े रहे। एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट््यूट की स्थापना उन्होंने 1991 में की थी। 1995 से 2020 तक इसका कुशल नेतृत्व किया। अच्छे अर्थशास्त्री के साथ-साथ राजनीतिक विश्लेषण में भी उन्हें महारत हासिल थी। उन्होंने 300 से अधिक शोधपरक आलेख लिखा। 100 से अधिक अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में शामिल हुए। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए बनी रघुराम राजन कमेटी में भी यह शामिल थे। डा. शैबाल के पिता डा. पी गुप्ता प्रसिद्ध चिकित्सक थे। वे बेगूसराय में चिकित्सा करते थे। उनकी माता कविता गुप्ता अधिवक्ता थीं। वे सीपीआइ के प्रसिद्ध नेता जगन्नाथ सरकार के दामाद थे। पत्नी डा. उषासी गुप्ता पटना स्थित बैंक रोड पर बेटी अस्मिता गुप्ता के साथ रहती हैं।

शैबाल व आचार्य चंदना जी को पद्मश्री प्रसन्नता का विषय : नीतीश

शैबाल गुप्ता को शिक्षा के क्षेत्र में तथा आचार्य चंदना जी को सामाजिक सेवा के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान मिलने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह प्रसन्नता का विषय है। प्रो. शैबाल गुप्ता को यह सम्मान मरणोपरांत मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री व सेंटर फार इकोनामिक पालिसी एंड पब्लिक फाइनेंस के पूर्व निदेशक का अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। वहीं आचार्य चंदना जी को सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान मिलने पर मुख्यमंत्री ने उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। 


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