पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से मिलते ही लंबी होती गई शाहनवाज हुसैन की किस्मत की लकीर
शाहनवाज की सन 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात हुई थी । 1997 में उनका भाषण वाजपेयी के दिल को छू गया था । वाजपेयी मंत्रिमंडल में सबसे कम उम्र के मंत्री थे। कोयला मंत्री के रूप में उनका काम सराहनीय रहा ।
पटना, रमण शुक्ला । बिहार विधान परिषद (Bihar Legislative Assembly) के प्रत्याशी बनते ही भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन (National spokesperson of BJP Shahnawaz Hussain) की चर्चा फिर मौजूं हो गई है। जनहित और राष्ट्रहित के मुद्दों पर मुखर रहने वाली भाजपा (BJP) को जब कभी वाकपटु प्रवक्ताओं की जरूरत महसूस हुई तो अभिव्यक्ति की अपनी क्षमता के जरिए शाहनवाज अपेक्षा पर खरे उतरे। यही कारण है कि शाहनवाज की शख्सियत धीरे-धीरे बड़ी होती चली गई।
वाकपटुता है इनकी निधि
निर्विवाद छवि की वजह से 12 वर्षों से वे पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता बने हुए हैं। पब्लिक फोरम पर पार्टी का पक्ष रखते समय उनका तार्किक संवाद विरोधियों को निरुत्तर कर देता है। कुछ इसी कला-कौशल और धैर्य के साथ उन्होंने गृहस्थी को भी संभाल रखा है। एक ही आंगन में दो अलग-अलग मतों का ऐसा सम्मिलन परस्पर प्रेम के अतिरेक के कारण ही संभव है। हरियाणा के सोनीपत की रेणु शर्मा के साथ प्रेम का यह बीज उस दिल्ली में अंकुरित हुआ था, जिसके राजपथ पर विचरण की इच्छा हर राजनेता की होती है। शाहनवाज हुसैन उस दौर के भी एक प्रतिमान हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former PM Atal Bihari Vajpayee) के सानिध्य में काम करने का सौभाग्य पाने वाले वे बिहार के चुनिंदा नेताओं में से एक हैं।
आरिफ बेग ने कराई थी वाजपेयी से मुलाकात :
सुपौल के रहने वाले शाहनवाज की अटल बिहारी वाजपेयी से सन् 1987 में पहली मुलाकात पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता आरिफ बेग (Former Union Minister Aarif Baig) ने कराई थी। उस मुलाकात को मुकम्मल मुकाम चार दिसंबर 1997 को मिला। उमा भारती (Uma Bharti) के नेतृत्व में दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में भारतीय जनता युवा मोर्चा का एक मुस्लिम सम्मेलन हुआ था। वाजपेयी के सामने भाषण देने का मौका शाहनवाज को मिला और यहीं से किस्मत चमकती चली गई। महज वर्ष भर के अंदर 1998 में किशनगंज से सांसद (MP from Kishanganj) प्रत्याशी बना दिए गए, लेकिन छह हजार वोटों से हार गए। पार्टी ने फिर भरोसा किया और 1999 में जीत मिली। 1999 में हिंदुस्तान के सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री बनाए गए।
पहली बार मंत्री बने सन् 1999 में :
14 अक्टूबर 1999 को पहली बार अटल मंत्रिमंडल में शाहनवाज खाद्य प्रसंस्करण मंत्री बनाए गए थे। आगे और मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली, लेकिन आठ फरवरी 2001 से पहली सितंबर 2001 तक स्वतंत्र प्रभार के कोयला मंत्री रहे। बतौर कोयला मंत्री अटल को शाहनवाज का काम अच्छा लगा और उन्होंने पहली सितंबर 2001 को नागरिक उड्यन मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बना दिया।