गुनाहों से छुटकारे की रात शब-ए-बारात आज
गुनाहों से छुटकारे की रात शब-ए-बारात आज मनाई जाएगी
फुलवारीशरीफ (पटना)। गुनाहों से छुटकारे की रात शब-ए-बारात आज मनाई जाएगी। कुरान और हदीस में इस रात को फैसले, बरकत और गुनाहों से छुटकारे की रात भी कहा गया है। शाबान (मुस्लिम कैलेंडर का आठवां महीना) के 15वीं शब (रात) को इबादत करने वाले हर मुसलमान के गुनाहों की माफी के साथ हर मुरादें अल्लाह पूरी करता है। अल्लाह के रसूल खुद इस रात में इबादत व कब्रिस्तानों पर जाकर मुर्दो के लिए मगफिरत की दुआ करते थे। वहीं शाबान माह को रमजान की इबादतों की तैयारी का महीना भी माना जाता है। तैयारी में जुटे लोग : शब-ए-बारात की तैयारी हर मुस्लिम बस्ती और घर में पूरे जोर-शोर से चल रही है। एक तरफ लोग अपने मोहल्ले के कब्रिस्तान और मस्जिदों की साफ-सफाई में जुटे हैं। वहीं महिलाएं घरों की साफ-सफाई में लगी हैं। पुरुष, महिला, बच्चे और बुजुर्ग हर कोई अपनी इबादत के जरिए अल्लाह को मनाने में आज रात जुटेंगे। कब्रिस्तान, मस्जिद, दरगाह और मजारों को सजाने और संवारने का काम पूरा हो चुका है। हर जगह रोशनी का इंतजाम किया गया है। आतिशबाजी और हुल्लड़बाजी से दूर रहने की सलाह :
मस्जिद के इमाम और कई उलेमाओं ने मुस्लिम नौजवान और बच्चों को पटाखेबाजी और सड़कों पर देर रात तक हुल्लड़बाजी से दूर रहने की सलाह दी है। इमारत-ए-शरिया के नाजिम ने कहा कि शब-ए-बरात में लोग नमाज-ए-नवाफिल के साथ तिलावत-ए-कुरान में मशगुल रहें। अपनी इबादत से अल्लाह को राजी करें। अल्लाह से पूरी रात अपनी और अपने पूर्वजों के गुनाहों की माफी की फरियाद करें। पटाखेबाजी व सड़कों पर हुल्लड़बाजी शरियत के खिलाफ है। शब-ए-बरात है क्या : गुजरे सालों के हिसाब-किताब के साथ आने वाले सालों का लेखा-जोखा इसी रात को अल्लाह तैयार करता है। जिसने इस रात में अल्लाह को अपनी इबादत के जरिए राजी कर लिया, उसे गुनाहों से छुटकारा मिल जाता है। इस रात का इंतजार हर मोमिन को रहता है। उलेमाओं की नजर में इस रात की फजीलत (महत्व) : मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी ने बताया कि इस रात को लैलतुल-बारात भी कहा जाता है। जिसका मतलब छुटकारे की रात है। लोग रस्म-रिवाज को छोड़कर शरियत में बताए गए इबादत के तरीके से अल्लाह को राजी करें। कारी अनवर हुसैन कासमी के मुताबिक अल्लाह इस रात में आने वाले सालों का पूरा लेखा-जोखा तैयार करता है। इस रात में इबादत करने वाले बन्दे को अल्लाह मायूस नहीं होने देता। रसूल खुद करते थे मगफिरत की दुआ
मुफ्ती वसी अहमद के मुताबिक आने वाले मुबारक महीना रमजान की इबादत की तैयारी का महीना शाबान है। 15वीं शब की इबादत का खास महत्व है। अल्लाह के रसूल खुद इस रात इबादत और कब्रिस्तानों पर जाकर मुर्दो की मगफिरत की दुआ करते थे। मौलाना कलाम ने कहा कि आज की रात से हर बुरे काम से तौबा कर अच्छा इंसान बनने की कोशिश करने वालों की अल्लाह हर मुराद पूरी करता है। मौलाना आदिल फरीदी ने बताया कि जिसने इस रात अल्लाह को राजी कर लिया, मानो उसने दुनिया व अखिरत की हर चीज हासिल कर ली।