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बिहार के सभी विश्‍वविद्यालय एवं अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए अलग से खुलेगा विभाग

शिक्षकों की गुणवत्ता को बेहतर रखने के लिए सभी विवि और कालेजों में शिक्षा विभाग नाम से एक नए विभाग की स्थापना की जाएगी जो शिक्षा में बीएड एमएड और पीएचडी की डिग्री प्रदान करेगा। इसके साथ ही टीईटी के दायरे को विस्तृत बनाने पर भी जोर दिया जाएगा।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 11:27 AM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 11:27 AM (IST)
बिहार के सभी विश्‍वविद्यालय एवं अंगीभूत कॉलेजों में शिक्षक प्रशिक्षण के लिए अलग से खुलेगा विभाग
बिहार में शिक्षक प्रशिक्षण और टीईटी का बढ़ेगा दायरा। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। शिक्षकों की गुणवत्ता को बेहतर रखने के लिए सभी विवि और कालेजों में शिक्षा विभाग नाम से एक नए विभाग की स्थापना की जाएगी, जो शिक्षा में बीएड, एमएड और पीएचडी की डिग्री प्रदान करेगा। इसके साथ ही टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) के दायरे को विस्तृत बनाने पर भी जोर दिया जाएगा। इसमें विषय शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में परीक्षा के साथ साक्षात्कार भी लिया जाएगा। शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि नई शिक्षा नीति में सभी विश्वविद्यालय और अंगीभूत महाविद्यालय में शिक्षक प्रशिक्षण विभाग अलग से खोलने का प्रावधान किया गया है। इसी के आलोक में विभाग के स्तर से एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। मार्च में ही शिक्षा मंत्रालय के सचिव ने राज्य सरकार से प्रस्ताव मांगा है ताकि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षण प्रशिक्षण विभाग को खोलने पर आगे का कार्यक्रम तैयार किया जा सके।  

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अगले दस वर्ष में हर जिले में होगा उच्च शिक्षण संस्थान

राज्य सरकार भी नई शिक्षा नीति का कार्यान्वयन को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के  सात निश्चय कार्यक्रम-2 में भी शिक्षा प्राथमिकता में है। इसलिए अगले दस वर्ष में हर जिले में उच्च शिक्षण संस्थान को स्थापित करने का लक्ष्य तय किया है ताकि जिले से बाहर उच्च शिक्षा हेतु युवाओं को नहीं जाना पड़े। इसी कांसेप्ट के तहत प्रत्येक जिले में मॉडल कॉलेज की कार्य योजना पर काम शुरू भी हो गया है। यदि अगले दस वर्ष में इस लक्ष्य की प्राप्ति हो गई तो उच्च शिक्षा के लिए घर छोड़कर दूर जाने की शायद जरूरत नहीं होगी।

नई शिक्षा नीति में उच्‍च शिक्षा की दूरी पाटने की पहल

नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के बीच की इस दूरी को पाटने की बड़ी पहल की गई है। इसके तहत 2030 तक प्रत्येक जिले या आसपास ही एक ऐसा बड़ा बहु-ïिवषयक संस्थान विकसित या स्थापित करने का प्रस्ताव किया गया है, जिसमें सभी विषयों की पढ़ाई हो सके। यह संस्थान सार्वजनिक और निजी दोनों ही क्षेत्र के हो सकते है। इसके लिए राज्यसरकार अभी से संभावना तलाशनी शुरू कर दी है।


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