नीतीश ने कहा, दाएं-बाएं करने करने वाले खतरे में डाल रहे जान, तेजस्वी ने जहरीली शराब पर सरकार को घेरा
रविवार को राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में दो दिनों के अंदर सात लोगों की मौत जहरीली शराब के कारण हुई है। आरोपों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर सरकार का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गड़बड़ी कर रहे हैं।
पटना, जागरण टीम। बिहार के कैमूर, गोपालगंज और मुजफ्फरपुर जिलों में एक के बाद एक कई लोगों की संदिग्ध हालात में हुई मौत के बाद बिहार में शराब तस्करी और जहरीली शराब काे लेकर सियासत गर्म हो गई है। शराबबंदी के फेल होने का आरोप लगाकर विपक्ष तो हमलावर है ही, सत्ता पक्ष के नेता भी सरकार को सुझाव देने लगे हैं। रविवार को राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में दो दिनों के अंदर सात लोगों की मौत जहरीली शराब के कारण हुई है। इस तरह के आरोपों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर सरकार का रुख साफ कर दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गड़बड़ी कर रहे हैं। ऐसे लोग दाएं-बाएं कर अपनी ही जान खतरे में डाल रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार के ज्यादातर लोग शराबबंदी के फैसले से खुश हैं।
तेजस्वी ने शराबबंदी पर उठाए थे सवाल
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को कहा था कि बिहार में शराबबंदी है ही कहां? उन्होंने कहा कि गोपालगंज और मुजफ्फरपुर में जहरीली शराब से मौत की बात सामने आई है। मृतकों के स्वजन पुलिस और प्रशासन पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। इधर, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी इस मामले में दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग कर चुके हैं।
पुलिस भी मान चुकी है जहरीली शराब की बात
गोपालगंज के मामले में बिहार पुलिस भी प्रथम दृष्टया जहरीली शराब की बात मान चुकी है। हालांकि शुरुआत में प्रशासन इस आरोप को नकार रहा था। इसी तरह बिहार सरकार के एक मंत्री राम सूरत राय ने मुजफ्फरपुर में हुई मौतों के लिए जहरीली शराब को जिम्मेदार बताया था। कैमूर जिले में हुई मौतों के मामले में जहरीली शराब की बात प्रशासन लगातार नकारता रहा है।
प्रशासन के संरक्षण में चल रहा शराब का अवैध कारोबार : माले
इधर, भाकपा माले ने आरोप लगाया है कि बिहार में शराब का अवैध कारोबार राजनेताओं और प्रशासन के संरक्षण में चल रहा है। माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने पत्रकारों से कहा कि शराब का अवैध कारोबार में मददगार नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। राज्य में शराबबंदी केवल कागज पर है, उलटे प्रशासन व शराब माफिया ही गरीबों को शराब बनाने के लिए बाध्य करते हैं और फिर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। यह कोई गोपालगंज की घटना नहीं है बल्कि मुजफ्फरपुर में ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां 4 लोगों की दर्दनाक मौतें हो गई हैं। उन्होंने मृतक मजदूरों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग सरकार से की है।