पटना में नेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल का दूसरा दिन, डोंट साय विथ रेड स्पॉट्स ने अंधविश्वास पर किया चोट
पटना में नेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल का आज दूसरा दिन है। इसमें प्रदर्शित पहली फिल्म डोंट साय विथ रेड स्पॉट्स में अंधविश्वास पर प्रहार किया गया है। इसके बाद आज स्मॉग- सी एनी वन बटरफ्लाई गार्उन तथा जेंडर डिस्क्रिमिनेशन का प्रदर्शन किया गया।
पटना, जेएनएन। 10th National Science Film Festival of India तीन दिवसीय 10वीं नेशनल साइंस फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के दूसरे दिन गुरुवार को किलकारी की बाल निदेशक हेमा कुमारी द्वारा तैयार फिल्म डोंट शाय विथ रेड स्पॉट्स (Don't Shy with Red Spots) की स्क्रीनिंग की गई। फिल्म में अंधविश्वास (Blind faith) पर चोट किया गया है। इस फिल्म में दिखाने की कोशिश की गई है कि आज भी हमारे समाज में अंधविश्वास व्याप्त है।
पुरानी सोच के साथ जी रहे हैं लोग
फिल्म डोंट शाय विथ रेड स्पॉट्स में दिखाया गया है कि किस तरह से हमारा समाज आज भी पुरानी सोच के साथ जी रहा है। लड़कियों को महावारी के दौरान कई सारी चीजों पर बंदिश लगा दी गई हैं। जैसे लड़कियों को महावारी के दौरान अचार,पापड़ नहीं छूने चाहिए। ऐसा करने से अचाड़ और पापड़ खराब हो जाते हैं। इस दौरान लड़कियों को पेड़-पौधों में पानी भी नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने से पेड़ सूख जाते हैं। उन्हें मेकअप भी नहीं करनी चाहिए।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का आयोजन
फिल्म फेस्टिवल का आयोजन विज्ञान प्रसार,विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और त्रिपुरा राज्य परिषद, विज्ञान और प्रोद्योगिकी विभाग, त्रिपुरा सरकार द्वारा किया जा रहा है।
आज तीन फिल्मों की हुई स्क्रीनिंग
फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन तीन पिल्मों की स्क्रीनिंग की गई। सुबह 10 बजे हेमा कुमारी की फिल्म डोंट शाय विथ रेड स्पॉट्स, दोपहर दो बजे अमित राज की फिल्म स्मॉग सी एनी वन और आर्यन कुमार की फिल्म बटरफ्लाई गार्डेन की स्क्रीनिंग की गई।
यहां देख सकेंगे फिल्मों की स्क्रीनिंग
फिल्मों की ऑनलाइन स्क्रीनिंग विज्ञान प्रसार के फेसबुक पेज https://www.facebook.com/vigyanprasar/ और यूट्यूब चैनल : https://www.youtube.com/user/VigyanPrasar1 पर देख सकते हैं।
किलकारी के संटू की फिल्म का चयन
किलकारी के नाटक विधा के छात्र संटू कुमार द्वारा निर्देशित फिल्म मास्क का चयन इंटरनेशनल कोरोना वायरस शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल के लिए किया गया है। इसकी स्क्रीनिंग दिसंबर के दूसरे सप्ताह में नई दिल्ली में होगी। इस फिल्म फेस्टिवल में 124 देशों ने हिस्सा लिया है। भारत से चयनित सौ फिल्मों में से एक फिल्म किलकारी के बच्चे का चयन हुआ है।
किलकारी की पहचान यहां के हुनरमंद बच्चे
किलकारी की पहचान यहां के हुनरमंद बच्चे हैं। इन्हीं बच्चों ने अपनी प्रतिभा से संस्था को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां दिलाई हैं। चाहे वो नाटक, नृत्य, संगीत, हस्तकला, हो या फिर फिल्म निर्माण। किलकारी के बच्चे हर क्षेत्र में अपने सृजनशील कार्य के लिए जाने जाते हैं।