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बिहार में एक अक्टूबर से बालू घाट खुलने में फंसा है पेच, कैबिनेट की बैठक में मिल सकती है अनुमति

जुलाई से बालू घाटों से खनन पर लगी रोककी मियाद 30 सितंबर की रात 12 बजे समाप्त हो रही है। उम्मीद की जा रही थी कि एक अक्टूबर से आठ जिलों में पूर्व की भांति बालू खनन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। परंतु इसमें पेच फसा है।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Thu, 30 Sep 2021 12:45 PM (IST)Updated: Thu, 30 Sep 2021 12:45 PM (IST)
बिहार में एक अक्टूबर से बालू घाट खुलने में फंसा है पेच, कैबिनेट की बैठक में मिल सकती है अनुमति
एक अक्‍टूबर से बालू घाट खुलने में पेच। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। जुलाई से बालू घाटों से खनन पर लगी रोक (Ban on Sand Mining) की मियाद 30 सितंबर की रात 12 बजे समाप्त हो रही है। उम्मीद की जा रही थी कि एक अक्टूबर से आठ जिलों में पूर्व की भांति बालू खनन का कार्य प्रारंभ हो जाएगा। परंतु एक अक्टूबर से बालू घाट खुलने में पेंच है। इसमें अभी कुछ और समय लग सकता है। खान एवं भू-तत्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बालू खनन प्रारंभ करने का प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल (Bihar Cabinet) के विचारार्थ गया हुआ है। मंगलवार को कैबिनेट की बैठक नहीं हो सकी। उम्मीद है कि शुक्रवार को प्रस्तावित बैठक में बालू घाटों से खनन की मंजूरी मिल जाएगी। 

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16 जिलों में बालू खनन शुरू करने का गया है प्रस्‍ताव 

खनन विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार फिलहाल 16 जिलों से बालू खनन प्रारंभ करने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल के विचारार्थ भेजा गया है। इनमें आठ जिलों में पूर्व की तरह बंदोबस्ती राशि में 35-50 फीसद अतिरिक्त शुल्क लेकर पूर्व के बंदोबस्तधारियों को खनन की अनुमति दे दी जाएगी। जबकि अन्य आठ जिलों में बंदोबस्ती के लिए लाटरी निकाली जाएगी। बंदोबस्त के लिए अधिक बोली लगाने वालों को खनन का काम सौंप दिया जाएगा। 

मंत्रिमंडल की सहमति मिलते ही खनन हो जाएगा आरंभ 

खान एवं भू-तत्व विभाग के मंत्री जनक राम कहते हैं कि हमारी तैयारी एक अक्टूबर से बालू खनन प्रारंभ करने की थी। विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर मंत्रिमंडल के ध्यानार्थ भेजा है। मंत्रिमंडल की सहमति मिलते ही यह कार्य प्रारंभ हो जाएगा। उम्मीद है एक सप्ताह में घाटों से खनन प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि राज्य के लोगों को बगैर किसी समस्या के सरकारी दरों पर सहजता से बालू प्राप्त हो। इसके लिए सरकार काम कर रही है। जल्द ही सारा कुछ नियमित हो जाएगा। 

राज्य के आठ जिलों नवादा, किशनगंज, वैशाली, बांका, मधेपुरा, बेतिया, बक्सर और अरवल से बालू खनन हो रहा था। सूत्रों की माने तो यहां पुराने बंदोबस्तधारियों को अतिरिक्त शुल्क लेकर काम जारी रखने की अनुमति दी जा सकती है। जबकि पटना, भोजपुर, सारण, गया, औरंगाबाद, लखीसराय, मुंगेर और रोहतास में लाटरी से बंदोबस्ती की तैयार है। 


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