विज्ञान के साथ छात्राओं ने दिखाई जुगलबंदी
आज का जो विज्ञान है वहीं कल का भविष्य है।
पटना। आज का जो विज्ञान है, वहीं कल का भविष्य है। ये बातें शुक्रवार को पटना वीमेंस कॉलेज में आयोजित विज्ञान उत्सव के दौरान पटना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डॉ. रास बिहारी सिंह ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं की प्रतिभागिता विज्ञान में बहुत कम होती है। महज 12 से 15 फीसद महिलाएं ही सकारात्मक रूप में विज्ञान में अपनी सहभागिता निभा पाती हैं। इसलिए कोशिश होनी चाहिए कि महिलाएं भी अपनी उपस्थिति विज्ञान के प्रति बढ़ाएं। विज्ञान के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए पटना विश्वविद्यालय 28 से 29 मार्च तक बिहार साइंस कांग्रेस आयोजित करने वाला है। इसके साथ ही बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड की भी शुरुआत होगी, जिसमें बिहार का हर विश्वविद्यालय भाग ले सकता है। इसमें चयनित पेपर राजभवन को भेजा जाएगा।
उच्च शिक्षा की निदेशक रेखा कुमारी, डीएसआरडीई कानपुर के पूर्व निदेशक प्रो. डॉ. एके सक्सेना, पटना साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राधाकांत प्रसाद, प्रो. डॉ. शाहला यास्मिन, डॉ. शोभा श्रीवास्तव, डॉ. अपराजिता कृष्णा, अमृता प्रकाश, मनिष प्रसाद और कॉलेज की वाइस प्राचार्य सिस्टर एम तनीशा एसी ने भी विज्ञान के प्रति छात्रों के रूझान को बढ़ाने की बातों पर जोर दिया। इस प्रतियोगिता में पटना वीमेंस कॉलेज, मगध महिला कॉलेज, बीएन कॉलेज, जीजे कॉलेज बिहटा, पटना साइंस कॉलेज, एमेडी कॉलेज, बीएन कॉलेज और एएन कॉलेज ने भाग लिया। रंगोली प्रतियोगिता में दिखा जल, जीवन, हरियाली का असर :
विज्ञान उत्सव के दौरान छात्राओं के बीच रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें छात्राओं ने जल जीवन हरियाली पर प्रमुखता से फोकस किया। प्रतियोगिता में कुल 22 ग्रुप बनाए गए हैं, जिनमें पटना वीमेंस कॉलेज से 16, मगध महिला कॉलेज से 2, एमेटी से 2 और श्री गदाघर जनता कॉलेज से 2 समूहों ने भाग लिया था। बच्चों की प्रतिभा को देखने के लिए जज के रूप में आर्ट कॉलेज आरा के प्रोफेसर जितेंद्र मोहाल, विचित्र संस्थान के एमडी महेश्वर दयाल और इनर व्हील क्लब पटना की अध्यक्ष संध्या सरकार ने किया। इस मौके पर बच्चों ने एक तरफ रोबोट और आम जीवन की विशेषताओं पर जोर दिया तो वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण से बढ़ते खतरे को भी रंगोली के माध्यम से दिखाने की कोशिश की गई।
तकनीक के साथ छात्राओं ने दिखाई अपनी जुगलबंदी :
विज्ञान उत्सव के दौरान छात्राओं के बीच वॉकिंग मॉडल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें छात्राओं ने तरह-तरह के मॉडल बनाए गए थे। नैंसी और प्रियदर्शी के ग्रुप ने एक ऐसा ड्रोन बनाया जिसकी मदद से किसी भी मरीज को डॉक्टरों से संपर्क करवाया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ अमृता, श्वेता, अनुपमा और उसके ग्रुप ने एक ऐसा पोछा बनाया है, जो मोबाइल से चलता है और उससे ही काम करता है। इसी प्रतियोगिता में छात्राओं ने स्मार्ट होम से लेकर स्मार्ट सिटी और कई तरह के उपकरणों को प्रदर्शित किया, जो आने वाले समय में पर्यावरण और समाज के लिए मददगार साबित होंगे।